क्या 'लव कमांडोज़' ही बन गया प्रेमियों की जान का दुश्मन?
भारत के ज़्यादातर हिस्सों में आज भी दूसरी जाति या धर्म में शादी करना आसान नहीं है. कई समुदायों में एक ही गोत्र या गांव में शादी करने की भी मनाही है. हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में ऐसी शादियों पर लगाम लगाने के लिए बाक़ायदा खाप पंचायतें बनाई गई हैं.
सामाजिक दायरों के बाहर जाकर प्यार और शादी करने वालों की सुरक्षा का दावा करने वाले 'लव कमांडोज़' का नाम भारत में तब चर्चा में आया था जब इसके संस्थापक संजॉय सचदेवा बॉलीवुड स्टार आमिर ख़ान के चर्चित टीवी शो 'सत्यमेव जयते' में आए.
संजॉय सचदेवा ने जुलाई, 2010 में अपने कुछ साथियों के साथ मिलकर एक एनजीओ बनाया था. एनजीओ का नाम रखा गया था - लव कमांडोज़.
मक़सद था परिवार और समाज की मर्ज़ी के ख़िलाफ़ जाकर दूसरे जाति-धर्म में शादी करने वाले प्रेमी जोड़ों की मदद करना. उन्हें रहने के लिए आश्रय गृह, क़ानूनी सलाह और बाकी तरह की मदद दिलाना.
अब इसी लव कमांडोज़ के संस्थापक संजॉय सचदेवा को पुलिस ने गिरफ़्तार कर लिया है और उनसे पूछताछ की जा रही है. सचदेवा पर उनके आश्रय गृह में रहने वाले प्रेमी जोड़ों से ग़ैर-क़ानूनी तरीक़े से पैसे वसूलने और उनका उत्पीड़न करने के आरोप हैं.
सचदेवा के शेल्टर हाउस में रहने वाले कुछ प्रेमी जोड़ों का आरोप है कि उन्हें उनकी मर्ज़ी के ख़िलाफ़ वहां रखा जा रहा था.
शिकायतों के बाद दिल्ली महिला आयोग की शिकायत पर पुलिस ने चार प्रेमी जोड़ों को सचदेवा के शेल्टर हाउस से छुड़ाया और उन्हें गिरफ़्तार कर लिया.
इस बारे में दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने कहा, "अपनी मर्ज़ी से शादी करने वाले युवा पहले ही ऑनर किलिंग समेत जैसे अनेक डर और तकलीफ़ों से गुज़र रहे होते हैं. ऐसे में एक एनजीओ का उनकी मदद करने का झांसा देकर उनका ही उत्पीड़न करना बेहद शर्मनाक और त्रासद है."
मालीवाल ने पीड़ित प्रेमी जोड़ों को हर तरह की ज़रूरी मदद दिलाए जाना का भरोसा भी दिलाया.
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स्वाति मालीवाल के कार्यालय से जारी की गई एक प्रेस रिलीज़ के मुताबिक़, एक जोड़े की शिकायत मिलने के बाद पुलिस ने सचदेवा के आश्रय गृह पर छापा मारा और चार प्रेमी जोड़ों को छुड़ाया.
कई जोड़ों का आरोप है कि सचदेवा अक्सर शराब के नशे में चूर होकर आते थे और शेल्टर होम में रहने वाली महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार करते थे.
शिकायतों के मुताबिक़, कई बार वो जोड़ों के ज़रूरी काग़ज़ात तक हथिया लेते थे और धमकियां देते थे कि अगर उन्होंने उनका शेल्टर होम छोड़ा तो वो उन काग़ज़ातों को बर्बाद कर देंगे.
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कुछ जोड़ों का कहना है कि सचदेवा की बात न मानने पर वो उन पर तीन-तीन कुत्ते छोड़ देते थे.
दिल्ली महिला आयोग की प्रेस रिलीज़ में कहा गया है कि सचदेवा के शेल्टर हाउस से छुड़ाए गए चारों प्रेमी जोड़ों को ग़ैर-क़ानूनी तरीक़े से वहां रखा गया था.
शेल्टर हाउस में रहने के एवज में उनसे मोटी फ़ीस ली जाती थी और उनके साथ ग़लत बर्ताव किया जाता था. प्रेस रिलीज़ के मुताबिक़, चारों जोड़ों को अब दूसरे सेफ़ हाउस में शिफ़्ट कर दिया गया है.
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भारत के ज़्यादातर हिस्सों में आज भी दूसरी जाति या धर्म में शादी करना आसान नहीं है. कई समुदायों में एक ही गोत्र या गांव में शादी करने की भी मनाही है. हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में ऐसी शादियों पर लगाम लगाने के लिए बाक़ायदा खाप पंचायतें बनाई गई हैं.
ऐसी स्थिति में अपनी मर्ज़ी से शादी करने वाले युवाओं की ज़िंदगी बेहद दुश्वार हो जाती है. उनमें से कई 'ऑनर किलिंग' (झूठी शान के नाम पर परिवार के सदस्यों द्वारा हत्या) के शिकार हो जाते हैं तो कइयों को अपना घर और गांव छोड़कर भागना पड़ता है.