CAA: क्या पहले ही बन गई थी मंगलोर हिंसा की योजना, CCTV में कैद हुआ चौंकाने वाला सच
नई दिल्ली। नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ कर्नाटक के मंगलोर में हुए हिंसक प्रदर्शन को लेकर बड़ी खबर सामने आ रही है। घटना के एक सप्ताह बाद सीसीटीवी कैमरों में कुछ ऐसी तस्वीरें कैद हुई जिसके चलते ऐसी आशंका जताई जाने लगी है कि मंगलोर हिंसा पहले से ही इसकी योजना बना ली गई थी। बता दें कि 19 दिसंबर को हुए इस हिंसक प्रदर्शन में पुलिस की गोली लगने से दो लोगों की मौत भी हो गई थी।
सीसीटीवी फुटेज ने दिखी हिंसा की शुरूआत
इंडिया टुडे की खबर के मुताबिक सीसीटीवी वीडियो में दिखाई देता है कि यह प्रदर्शन पहले से ही प्लान किया गया था। गौरतलब है कि देशभर में सीएए और एनआरसी को लेकर विरोध प्रदर्शन जारी है। दिल्ली, उत्तर प्रदेश और कर्नाटक जैसे कुछ राज्यों में हिंसक प्रदर्शन भी हुए। 19 दिसंबर को मंगलोर में हुए हिंसक प्रदर्शन को लेकर मीडिया रिपोर्ट्स में चौंकाने वाली बात सामने आई है। हिंसा के दौरान अलग-अलग इलाकों से लिए गए 7 सीसीटीवी फुटेज में घटना किस तरह शुरू हुई इसका खुलासा हुआ है। फुटेज में दिखाया गया है कि कैसे भीड़ ने मंगलौर उत्तर पुलिस स्टेशन को घेर लिया।
बैग में पत्थर भरकर लाए थे लोग
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सीसीटीवी फुटेज में यह दिखाई दे रहा है कि भीड़ पहले राव और राव सर्कल और डीसी कार्यालय के बाहर इकट्ठा होती है और फिर बंडेर पुलिस स्टेशन की ओर बढ़ना शुरू कर देती है। वहीं बंडेर पुलिस स्टेशन जाने वाली सभी चार सड़कों को प्रदर्शनकारियों द्वारा बंद कर दिया जाता है ताकि पुलिसबल वहां ना आ सके। सीसीटीवी कैमरे से फुटेज में कुछ लोग थाने के पास एक टेम्पो से बंदूक की नोक पर सामान उतारते दिख रहे हैं। कुछ लोग सड़क पर बैग निकालते हैं, अन्य लोग पत्थर से भरे इन बैगों से पत्थर लेकर पुलिस पर हमला करत हैं।
लोहे की पाईप से सड़क को किया बंद
सीसीटीवी फुटेज के मुताबिक यह सब दोपहर 2 बजे शुरू होता है, प्रदर्शनकारी बंडेर पुलिस स्टेशन जाने वाली चार सड़कों को घेर कर पुलिस पर पथराव शुरू कर देते हैं। वहीं कुछ अपद्रवी घरों और सड़कों पर लगे सीसीटीवी कैमरों को भी बंद करते नजर आ रहे हैं। वीडियो में दिखाई देता है कि कुछ युवक लोहे की पाईप से सड़क को ब्लाक कर देते हैं और पुलिस की वैन आगे नहीं बढ़ पाती। 19 दिसंबर की शाम करीब 4.30 से 4.45 के बीच भीड़ पुलिस स्टेशन के करीब पहुंचती है और पथराव शुरू कर देती है।
पुलिस ने पहले हवा में की फायरिंग
बता दें कि पुलिस स्टेशन के पीछे ही एक लाइसेंसी बंदूक बेचेने वाली दुकान भी थी जिसे प्रदर्शनकारियों द्वारा तोड़ने की कोशिश भी की गई। मंगलोर पुलिस ने बताया कि जिस समय हिंसा भाड़की उस दौरान थाने में राइफल, पिस्टल और हजारों की संख्या में बंदूक की गोलिया रखी हुई थीं। किसी भी अनहोनी को रोकने के लिए पुलिसकर्मियों ने आंसू गैस को गोले दागे ताकि प्रदर्शनकारियों को वहां से भगाया जा सके। इतने पर भी जब प्रदर्शनकारी नहीं रुके तो उन्हें डराने के लिए पुलिस में हवा में फायरिंग की।
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