अजित पवार ने क्या बीजेपी के साथ कोई 'खेल' किया
महाराष्ट्र की राजनीति ने जिस तरह करवट ली है, उसने तो चौंकाया ही है लेकिन जिस शख़्स ने सबको शायद सबसे ज़्यादा चौंकाया है वो शख़्स हैं- अजित पवार. देवेंद्र फडणवीस की इस्तीफ़े वाली प्रेस कांफ्रेंस में जब उनसे एक पत्रकार ने पूछा कि क्या अजित पवार ने बीजेपी के साथ कोई गेम किया है, इसके जवाब में देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि इसका जवाब अजित पवार से पूछिए.
महाराष्ट्र की राजनीति ने जिस तरह करवट ली है, उसने तो चौंकाया ही है लेकिन जिस शख़्स ने सबको शायद सबसे ज़्यादा चौंकाया है वो शख़्स हैं- अजित पवार.
देवेंद्र फडणवीस की इस्तीफ़े वाली प्रेस कांफ्रेंस में जब उनसे एक पत्रकार ने पूछा कि क्या अजित पवार ने बीजेपी के साथ कोई गेम किया है, इसके जवाब में देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि इसका जवाब अजित पवार से पूछिए.
उधर शिव सेना के नेता संजय राउत ने ट्वीट करके बताया कि अजित पवार पार्टी में वापस लौट रहे हैं.
अजित पवार यानी राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) अध्यक्ष शरद पवार के भतीजे. वही अजित पवार जो अपने समर्थकों के बीच 'दादा' नाम से लोकप्रिय हैं.
Sanjay Raut, Shiv Sena: Ajit dada has resigned and he is with us. Uddhav Thackeray will be the Chief Minister of #Maharashtra for 5 years. pic.twitter.com/7Qyz169Ivh
— ANI (@ANI) November 26, 2019
शिव सेना सुप्रीमो के भतीजे ने क्या कुछ किया इसे समझने के लिए सबसे पहले शुक्रवार की घटनाओं पर नज़र डालनी होगी.
मुंबई में शुक्रवार की रात शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस की बैठक हुई. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार बैठक तकरीबन दो घंटे तक चली बैठक के बाद सबसे पहले बाहर आए एनसीपी प्रमुख शरद पावर.
उन्होंने बाहर आकर कहा कि तीनों पार्टियों ने सर्वसम्मति से तय किया है उद्धव ठाकरे को सरकार बनानी चाहिए. एनसीपी ने उप मुख्यमंत्री पद के लिए अजित पवार का नाम सामने रखा था.
अजित पवार ने उप मुख्यमंत्री पद की शपथ भी ली लेकिन मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे नहीं बल्कि देवेंद्र फडणवीस बने.
#WATCH Mumbai: NCP's Ajit Pawar takes oath as Deputy CM, oath administered by Maharashtra Governor Bhagat Singh Koshyari at Raj Bhawan. pic.twitter.com/TThGy9Guyr
— ANI (@ANI) November 23, 2019
शनिवार तड़के अख़बारों की सुर्खियां कह रही थीं कि उद्धव ठाकरे सरकार बनाएंगे लेकिन थोड़ी ही देर में टीवी पर देवेंद्र फडणवीस शपथ लेते नज़र आए और उनके साथ नज़र आए अजित पवार, उप मुख्यमंत्री पद की शपथ लेते हुए.
ये होते ही शरद पवार पर सवाल उठने लगे. उनके कुछ ही घंटे पहले दिए गए बयान पर सवाल उठने लगे, जिसमें उन्होंने कहा था कि तीनों पार्टियों ने सर्वसम्मति से तय किया है कि उद्धव ठाकरे को सरकार बनानी चाहिए.
इस अप्रत्याशित और नाटकीय घटनाक्रम के बीच शरद पवार ने ट्वीट किया, "महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिए बीजेपी को समर्थन देने का फ़ैसला उनका व्यक्तिगत फ़ैसला है, एनसीपी का नहीं. हम आधिकारिक रूप से बताना चाहते हैं कि हम उनके इस फ़ैसले का समर्थन नहीं करते."
Ajit Pawar's decision to support the BJP to form the Maharashtra Government is his personal decision and not that of the Nationalist Congress Party (NCP).
— Sharad Pawar (@PawarSpeaks) November 23, 2019
We place on record that we do not support or endorse this decision of his.
किसानों का मज़ाक उड़ाने वाले अजित पवार
इधर उप मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद अजित पवार ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि महाराष्ट्र में चुनाव के नतीजे आए काफ़ी दिन हो गए थे और सरकार न बनने के कारण लोगों को समस्या हो रही थी.
उन्होंने कहा, "राज्य में कई समस्याएं हैं, ख़ासकर किसानों की. अगर मिलकर स्थिर सरकार बनती है तो यह महाराष्ट्र के लिए अच्छा है."
पद की शपथ लेते ही किसानों की समस्या की दुहाई देने वाले अजित पवार वही शख़्स हैं जिन्होंने वर्ष 2013 में महाराष्ट्र में सूखे की समस्या और पानी की कमी के बारे में पूछे जाने पर सरेआम कहा था, "अगर बांधों में पानी नहीं है तो क्या हम वहां जाकर पेशाब करें?"
यह बात अजित पवार ने महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई के आज़ाद मैदान में किसानों की भूख हड़ताल पर तंज़ कसते हुए कही थी.
उन्होंने कहा था, "अगर बांधों में पानी नहीं है तो पानी छोड़ा कैसे जा सकता है? क्या हम वहां जाकर पेशाब करें? अगर पीने को पानी नहीं है तो पेशाब भी कैसे होगी?"
Ajit Pawar after taking oath as Deputy CM: From result day to this day no party was able to form Govt, Maharashtra was facing many problems including farmer issues, so we decided to form a stable Govt pic.twitter.com/GucfUVBCnm
— ANI (@ANI) November 23, 2019
इतना ही नहीं, गांवों में बिज़ली कटने की समस्या पर अजित पवार ने कहा था, "मैं देख रहा हूं, जब से यहां रात को बिजली नहीं रहती, ज़्यादा बच्चे पैदा होने लगे हैं. लोगों के पास कोई और काम नहीं बचा है."
ये बातें पवार ने तब कही थीं जब महाराष्ट्र सूखे की भयंकर मार से जूझ रहा था.
हालांकि बाद में अपने बयानों की आलोचना होने पर उन्होंने माफ़ी भी मांग ली थी और इसे अपनी 'ज़िंदगी की सबसे बड़ी भूल' बताया था.
घोटालों में घिरे अजित पवार
अजित पवार एनसीपी प्रमुख शरद पवार के बड़े भाई अनंतराव पवार के बेटे हैं.
60 वर्षीय पवार महाराष्ट्र के बारामती से विधायक हैं और उनका नाम घोटालों से भी घिरा हुआ है.
एक घोटाला जिससे उनका नाम जुड़ा है, वो है महाराष्ट्र राज्य सहकारी बैंक सम्बन्धित 25,000 करोड़ रुपये का घोटाला. ये घोटाला मनी लॉन्ड्रिंग से सम्बन्धित है.
प्रवर्तन निदेशालय ने चुनाव से ठीक पहले इस साल अगस्त में इस कथित घोटाले के सिलसिले में अजित पवार के ख़िलाफ़ जांच शुरू की थी.
इसके अलावा अजित पवार पर सिंचाई घोटाले के भी आरोप हैं. यह उस समय हुआ था जब अजित पवार पहली बार उप-मुख्यमंत्री बने थे.
कहा जा रहा है कि अजित पवार ईडी के शिकंजे और जेल जाने से बचना चाहते हैं, इसलिए भी उन्होंने बीजेपी का प्रस्ताव स्वीकार किया है.
हालांकि उनके उपमुख्यमंत्री बनने के बाद नौ मामलों में उनके ख़िलाफ़ कुछ ग़लत नहीं पाए जाने की ख़बरें भी भारतीय मीडिया रिपोर्ट्स की सुर्ख़ियां बनने लगीं.
एनसीपी का अगुआ बनने की कोशिश
वरिष्ठ पत्रकार शिवम विज अजित के बीजेपी को समर्थन देने के पीछे एक दूसरी वजह भी बताते हैं. विज कहते हैं, "यदि वह एनसीपी को तोड़ने में सफल हो जाते, तो उनका प्रयास शरद पवार का उत्तराधिकारी बनने का होता. वह महाराष्ट्र में सुप्रिया सुले के विरोधी के रूप में मुख्य मराठा नेता बनने की कोशिश करते हैं."
विज के मुताबिक़, "अजित पवार की छवि अब एक भ्रष्ट बाहुबली की है. वह महाराष्ट्र में उसी तरह हैं जिस तरह उत्तर प्रदेश में शिवपाल यादव हैं. वह अब अपनी छवि बदलने की कोशिश कर सकते हैं."
राजनीतिक विश्लेषक हेमंत देसाई का मानना है कि अजित पवार विधानसभा चुनावों से ही एनसीपी तोड़ने की कोशिशों में लगे हुए थे.
बताया जाता है कि शरद पवार के भतीजे अजित पवार और उनकी बेटी सुप्रिया सुले की आपस में कभी नहीं बनी. वजह, वो दोनों ही शरद पवार के बाद एनसीपी की सत्ता संभालना चाहते थे.
अजित पवार की शपथ की ख़बर सुनते ही सुप्रिया सुले ने तुरंत कहा कि अजित पवार ने विद्रोह कर दिया है.
उन्होंने अपने व्हाट्सऐप एक स्टेटस अपडेट में कहा "पार्टी और परिवार का विभाजन."
सुप्रिया ने कहा, "आप जीवन में किस पर भरोसा करते हैं? जीवन में कभी धोखा महसूस नहीं किया. बचाव किया और उससे प्यार किया...देखिए मुझे बदले में क्या मिला."
फ़िलहाल शरद पवार ने अजित पवार पर कार्रवाई करते हुए उन्हें पार्टी के विधायक दल के नेता पद से हटा दिया है. उनकी जगह एनसीपी के प्रदेश ध्यक्ष जयंत पाटिल को विधायक दल से जुड़े सभी फ़ैसले लेने का अधिकार दिया गया है.