स्वामी प्रसाद मौर्य की बेटी से हारे मुलायम के भतीजे धर्मेंद्र उठा सकते हैं अब ये बड़ा कदम
बदायूं: लोकसभा चुनाव 2019 में उत्तर प्रदेश में एक बार फिर बीजेपी की लहर दिखी। बीजेपी ने महागठबंधन को शिकस्त देते हुए 62 सीटें अपने नाम की है। वहीं दो सीटें उसकी सहयोगी अपना दल को मिली है। बीएसपी को 10, एसपी को 5 और कांग्रेस को एक सीट पर जीत मिली है। समाजवादी पार्टी को इस चुनाव में फायदा नहीं हुआ। सपा प्रमुख अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव कन्नोज से तो उनके चचेरे भाई धर्मेंद्र यादव बदायूं से चुनाव हार गए। धर्मेंद्र यादव को स्वामी प्रसाद मौर्य की बेटी संघमित्रा मौर्य ने 18384 वोटों से शिकस्त दी। संघमित्रा मौर्या ने बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ा। वहीं धर्मेंद्र यादव से चुनाव नतीजे पर सवाल उठाते हुए कोर्ट जाने के संकेत दिए हैं।
धर्मेंद्र यादव करेंगे कोर्ट का रुख
सपा के धर्मेंद्र यादव ने बदायूं लोकसभा सीट के चुनाव परिणाम पर आपत्ति जताई है। उन्होंने आरोप लगाया कि आखिरी राउंड की काउंटिग के दौरान 8 हजार अतिरिक्त वोटों को गिना गया है। इस संबंध में उन्होंने जिलाधिकारी के समक्ष लिखित शिकायत दर्ज कराई है और इस पर स्पष्टीकरण मांगा है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि वो कोर्ट में चुनाव के परिणाम को चुनौती दे सकते हैं।
'डीएम को सौंपे सबूत'
धर्मेन्द्र यादव ने मीडिया से बातचीत में कहा कि मेरी आपत्ति बिल्सी विधानसभा सीट पर हुई काउंटिग को लेकर है। वोटिंग होने के बाद मुझे जो रिकॉर्ड उपलब्ध कराया था, उन आंकड़ों के मुताबिक यहां 1,88,248 वोट पड़े थे। थे. लास्ट राउंड की गिनती के बाद इस सीट पर 1,96,110 वोट पाए गए। फाइनल काउंटिंग में करीब 8 हजार वोट ज्यादा पड़े। मैंने इस मामले में डीएम को सबूत सौंपे हैं।
काउंटिग पर सवाल
धर्मेंद्र यादव ने कहा कि इस मामले में उन्होंने डीएम को सबूत सौंप दिए हैं और उनसे स्पष्टीकरण देने की मांग की है। उन्होंने काउंटिग पर सवाल उठाते हुए कहा कि बिल्सी विधानसभा में ही करीब 8 हजार वोट कहां से ज्यादा आ गए? सहसवान में हम जीत रहे थे, इसलिए वहां गड़बड़ी नहीं हुई। हालांकि उन्होंने ईवीएम को लेकर खुलकर तो कुछ नहीं बोला, लेकिन इशारों ही इशारों में धांधली का आरोप लगाया।
संघमित्रा मौर्य ने 18384 वोटों से हराया
बदायूं से धर्मेंद्र यादव को भी इस बार मोदी लहर में हार का सामना करना पड़ा। धर्मेद्र यादव को बीजेपी उम्मीदवार संघमित्रा मौर्या से 18384 वोटों से हार का सामना करना पड़ा। धर्मेंद्र यादव को 492898 वोट मिले जबकि संघमित्रा मौर्य को 511352 वोट मिले। यहां तीसरे नंबर पर कांग्रेस रही। उसके उम्मीदवार सलीम इकबाल शेरवानी को 51896 वोट मिले। जबकि नोटा को 8606 वोट मिले। इस सीट पर कुल 1081108 वोट पड़े।
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