ईरान-अमेरिका ने भारत की बढ़ाई टेंशन, बढ़ी तेल कीमतों को लेकर सऊदी अरब से मांगी मदद
नई दिल्ली। ईरान और अमेरिका के बीच शुरु तनातनी के चलते कच्चे तेल की कीमतों को लेकर भारत सरकार की चिंता बढ़ गई है। भारत ने स्ट्रेट ऑफ होरमुज से जुड़े घटनाक्रमों के कारण तेल की कीमतों में बढ़ोतरी पर शुक्रवार को चिंता जाहिर की। इस संबंध में पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने ने सऊदी अरब के ऊर्जा मंत्री खालिद-अल-फलिह से फोन पर बात की है। उन्होंने ओपेक के मुख्य सदस्य देश सऊदी अरब को तेल की कीमतों को काबू में रखने के लिए सक्रिय भूमिका निभाने को कहा। बता दें कि, तेल से जुड़े मामलों पर भारत करीब 83 फीसद आयात पर निर्भर है।
दरअसल ब्रेंट ऑयल की कीमत में गुरुवार को करीब 5 प्रतिशत का उछाल दर्ज किया गया था, जो जनवरी के बाद से सर्वाधिक है। ब्रेंट कच्चे तेल की कीमत फिलहाल 65 डॉलर प्रति बैरल है। पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने सऊदी के पेट्रोलियम मंत्री खालिद अल फलीह से हालात पर चर्चा की। प्रधान ने ट्वीट किया, 'होर्मुज जलडमरू मध्य की घटना चिंता की बात है जिससे जिससे तेल की कीमतों में बढ़ोतरी हो रही है।' उन्होंने तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव को लेकर भारतीय ग्राहकों की संवेदनशीलता का जिक्र किया। भारत अपनी ऊर्जा की आधी जरूरतों को यूएई से पूरी करता है।
पेट्रोलियम मंत्री ने लिखा, 'सऊदी अरब के ऊर्जा, उद्योग और खनिज संसाधन मंत्री खालिद अल फलीह से फोन पर बात हुई। भारत और सऊदी अरब के बीच रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत बनाने के लिए हाइड्रोकार्बन क्षेत्र में सहयोग को और बढ़ाने पर चर्चा हुई। कच्चे तेल की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए भारत सरकार प्राइवेट निवेश पर ध्यान केंद्रित कर रही है।
Union Minister of Petroleum&Natural Gas and Steel Dharmendra Pradhan
— ANI (@ANI) June 21, 2019
had a telephonic conversation with Saudi Arabia's Energy Minister Khalid Al-Falih&discussed about further strengthening cooperation in hydrocarbon sector to enhance strategic partnership b/w India-Saudi Arabia. pic.twitter.com/FRPo4PoXlX
बता दें कि, होरमुज स्ट्रेट पर ईरानी सेना द्वारा अमेरिकी नौसेना के एक ड्रोन को गिराए जाने के बाद अमेरिका के राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप द्वारा ईरान के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का ऐलान किया था। जिसके बाद इस क्षेत्र में तनाव की स्थिति पैदा हो गई है। गौरतलब है कि, दुनिया में एक चौथाई एलएनजी और दुनिया के तेल का लगभग पांचवां हिस्सा ईरान की सीमाओं को पार करने वाले संकरी समुद्री नाली हॉर्मुज के जलडमरूमध्य से होकर गुजरता है।
इस हफ्ते की शुरुआत में धर्मेंद्र प्रधान ने संयुक्त अरब अमीरात के मंत्री और अबू धाबी नेशनल ऑयल कंपनी (ADNOC) के समूह के सीईओ सुल्तान अहमद अल जाबेर से बात की थी।, जिन्होंने इस समस्या के दौरान भारत को तेल और रसोई गैस की निर्बाध आपूर्ति का आश्वासन दिया था।
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