ढाका आतंकी हमला: अंतिम सांस तक तारिषि के दोस्तों ने निभायी दोस्ती
नई दिल्ली। ढाका आंतकी हमले में मारे गयी भारतीय मूल की 19 साल की तारिषि जैन का अंतिम संस्कार आज गुड़गांव में होगा। उनके शव को ढाका से दोपहर बाद आज दिल्ली लाया जायेगा और उसके बाद शाम को अंतिम संस्कार के लिए गुड़गांव ले जाया जायेगा।
क्या थे ढाका के आतंकी हमले में मारी गई तारिषी जैन के आखिरी शब्द
हालांकि पहले तारिषि के शव को संस्कार के लिए यूपी के फिरोजाबाद में ले जाने की बात थी जहां उनके रिश्तेदार और परिवार के और सदस्य रहते हैं लेकिन वहां तक पहुंचने में काफी देर हो जायेगी इसलिए अब उनके परिवार वाले उनका अंतिम संस्कार गुड़गांव में करेंगे।
बांग्लादेशी मित्र फराज हुसैन और अमेरिकी मित्र अंबिता कबीर
मालूम हो कि शुक्रवार को तारिषि अपने बांग्लादेशी मित्र फराज हुसैन और अमेरिकी मित्र अंबिता कबीर के साथ रोजा इफ्तार के बाद कैफे गई थी कि तभी वहां आंतकियों ने हमला कर दिया था।
आंतकियों ने तारिषि, हुसैन और अंबिता को गला रेत कर मार दिया
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक आतंकियों ने फराज को बांग्लादेशी होने के कारण छोड़ दिया था लेकिन फराज ने उनसे कहा कि वो अपने दोस्तों को छोड़कर नहीं जायेगा जिसके बाद आंतकियों ने तारिषि और अंबिता दोनों के साथ उसे भी गला रेतकर मार दिया।
तारिषि की बॉडी पर काफी चोट के निशान
खबरों की मानें तो तारिषि की बॉडी पर काफी चोट के निशान पाये गये हैं, जिससे ये अंदाजा लगाया जा रहा है कि तारिषि की हत्या करने से पहले आंतकियों ने उसे काफी मारा-पीटा था।
बर्कले यूनिवर्सिटी में एडमिशन
गौरतलब है कि तारिषि जैन छुट्टियां बिताने बांग्लादेश गई थी। उन्हें हाल ही में कैलिफोर्निया की बर्कले यूनिवर्सिटी में एडमिशन मिला था। उनके मम्मी-पाप पिछले 10 सालों से बांग्लादेश में रह रहे हैं। वो वहां पर कपड़ों का बिजनेस करते हैं।
इटली और जापान के लोग
मालूम हो कि बंदूकधारियों ने शुक्रवार रात को कैफे पर हमला बोला था और 40 लोगों को बंधक बनाया था जिनमें से 20 लोगों को उन्होंने मौत के घाट उतार दिया था। जो लोग मारे गये उनमें से ज्यादा इटली और जापान के लोग थे। जमात उल मुजाहिदीन ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है।