नागपंचमी पर कानपुर के नागेश्वर मंदिर में भी भक्तों का तांता, जानिये मान्यताएं
नई दिल्ली। आज यानि सोमवार को नागपंचमी है। ऐसे में कई मंदिरों में शिव और नाग की पूजा अर्चना की जा रही है। उत्तर प्रदेश के कानपुर के नागेश्वर मंदिल में भी भक्तों मे दूध चढ़ाकर नागपंचमी मनाई। इसकी कुछ तस्वीरें भी सामने आई हैं। बता दें कि इस बार नागपंचमी खास है और ये मौका 20 साल बाद आया है। दरअसल इस बार सावन में नागपंचमी पर सोमवार का संयोग बन रहा है। इस अद्भुत संयोग में पूजा पाठ करना काफी लाभकारी है। गौरतलब है कि ऐसा शुभ संयोग 1999 में आया था।
जानिए पूजा का महूर्त
इस दिन नाग देवता की पूजा करनी चाहिए। कहा जाता है कि ऐसा करने से सर्पदोष से मुक्ति मिलती है। सावन के शुक्ल पक्ष की पंचमी सोमवार को शाम 5 बजे तक रहेगी। इस दिन सूर्य, मंगल, बुध और शुक्र एक साथ कर्क राशि में चतुष्ग्रही होकर मौजूद रहेंगे। सुबह 6:54 बजे तक उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र और शाम 5:24 बजे हस्त नक्षत्र और फिर चित्रा नक्षत्र लग जाएगा। दोपहर 12.07 से 12.59 बजे का महूर्त पूजा पाठ के लिए उत्तम है। कालसर्प दोष का प्रकोप झेल रहे लोगों को इस दिन पूजा से लाभ होगा।
ऐसे करें नाग पूजन
माना जाता है कि नागपंचमी के दिन नागों के दूध पिलाना चाहिए। नागपंचमी के ही दिन अनेकों गांव व कस्बों में कुश्ती का भी आयोजन होता है। वहीं नागपंचमी क्यों मनाई जाती है और क्या है इसका महत्व, इसके पीछे पौराणिक कथाएं भी प्रचलित हैं। सावन शुक्ल पंचमी को नाग की मूर्ति बना कर या फोटो चिपका कर नाग पूजन करना चाहिए। इसमें भी पांच फण वाले नागों का अधिक महत्व है। शास्त्र अनुसार नाग 12 प्रकार के होते हैं। इनमें अनंत, वासुकी, शेष, पद्म, कंबल, करकोटक, उच्चतर, धृतराष्ट्र, शंखपाद, कालिया, तक्षक और पिंगल शामिल हैं। सभी नागों का पंचोपचार या षोडशोपचार पूजन करना चाहिए।
नागपंचमी का महत्व
हिंदू धर्म में नाग को देवता की संज्ञा दी जाती है और उनकी पूजा का विधान है। हिन्दू धर्म में नाग को आदि देव भगवान शंकर के गले का हार और सृष्टि के पालनकर्ता श्री हरि विष्णु की शैय्या माना जाता है। इसके अलावा नागों का लोगों के जीवन से भी गहरा नाता है। सावन के महीने में जमकर वर्षा होती है, जिस वजह से नाग जमीन के अंदर से निकलकर बाहर आ जाते हैं। इसलिए माना जाता है कि इस दिन नाग को दूध पिलाना शुभ होता है।
यह भी पढ़ें- नागपचंमी: नाग पूजन से होगी परिवार की रक्षा, होगी आयु, आरोग्य में वृद्धि