सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश पर देवासम बोर्ड ने कहा- हम सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सम्मान करेंगे
नई दिल्ली। केरल के सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश को लेकर दिए गए फैसले पर पुनर्विचार के लिए दायर की गई याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान सबरीमाला मंदिर के संरक्षक त्रावणकोर देवासम बोर्ड (टीडीबी) ने कहा कि वह कोर्ट के फैसले का सम्मान करेगा। जिसमें सभी उम्र की महिलाओं के प्रवेश की इजाजत दी गई है। बता दें कि इससे पहले बोर्ड ने मंदिर में महिलाओं के प्रवेश के विरोध किया था।
सुनवाई के दौरान केरल सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दायर किए गए पुनर्विचार याचिका का विरोध करते हुए कहा कि पुनर्विचार को जरूरी बताने के लिए कोर्ट के सामने कुछ भी नहीं रखा गया है। बता दें कि ने इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में कुल 54 पुनर्विचार याचिका दाखिल की गई है। इसके अलावा 5 रिट याचिका है और ट्रांसफर पिटीशन भी हैं। इस तरह से कुल मिलाकार 64 याचिकाएं हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था का कि हम पहले पुनर्विचार याचिकाओं को सनेंगे।
Devoswom Board changes its stand in the #SupremeCourt on #Sabrimala. Rakesh Dwivedi, for the Board, says the Board has decided to respect the #SupremeCourt judgment, allowing women of all ages in the temple. Earlier, the Board had argued in favour of exclusion |@News18Courtroom https://t.co/cpHXO5QpTL
— Utkarsh Anand (@utkarsh_aanand) February 6, 2019
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल 28 सिंतबर को तत्कालीन चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अध्यक्षता में 5 जजों की संविधान पीठ ने 4:1 के बहुमत के फैसला सुनाते हुए भगवान अयप्पा मंदिर में 10-50 वर्ष आयु की महिलाओं को प्रवेश नहीं देने की पुरानी परंपरा को समाप्त करने का आदेश दिया था। इसके बाद सबरीमाला मंदिर में महिलाओं को प्रवेश के इस फैसले का विरोध भी हुआ। कुछ महिलाओं ने मंदिर में प्रवेश करने की भी कोशिश की लेकिन भारी विरोध की वजह से वो अंदर नहीं जा सकी।
शुद्धि अनुष्ठान के पीछे महिलाओं का प्रवेश नहीं है
वहीं सुनवाई के दौरान सबरीमाला मंदिर के मुख्य पुजारी ने दावा किया है कि मंदिर में शुद्धि अनुष्ठान का आयोजन महिलाओं के प्रवेश की वजह से नहीं किया गया था। ना ही अनुष्ठान का इससे कोई लेना देना है। हालांकि बीच में ऐसी खबर आई थी की मंदिर में ऐसे कई शुद्धि अनुष्ठान किए जाते हैं, लेकिन पुजारी ने यह स्पष्ट नहीं किया है कि आखिर अशुद्धियां क्या थीं। बता दें कि इससे पहले 2 जनवरी को दो महिलाओं बिंदू और कनक दुर्गा ने मंदिर में प्रवेश किया था।
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