चुनावी हलफनामे में आपराधिक केस छुपाने पर सुप्रीम कोर्ट का देवेंद्र फडणवीस को नोटिस
नई दिल्ली। चुनावी हलफनामे में अपने खिलाफ चल रहे आपराधिक मामलों का ब्योरा ना देने के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को नोटिस जारी किया है। मुंबई के वकील सतीश उके ने फडणवीस के खिलाफ याचिका दायर कर चुनाव में गलत जानकारी देने की बात कहते हुए उनकी विधानसभा की सदस्यता रद्द करने की मांग की है। इस पर सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति एस. के. कौल और न्यायमूर्ति के. एम. जोसेफ ने ने गुरुवार को फडणवीस को नोटिस जारी कर जवाब देने को कहा है।
याचिकाकर्ता ने अदालत से कहा है कि फडणवीस के खिलाफ दो आपराधिक मामले चल रहे हैं लेकिन 2014 महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में अपने इलेक्शन एफिडेविट में उन्होंने इसे नहीं बताया। चुनाव आयोग में दाखिल हलफनामे में आपराधिक मामलों को नहीं दर्शाने को कानून का उल्लंघन बताते हुए फडणवीस की सदस्यता रद्द करने की मांग की गई है।
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इससे पहले बॉम्बे हाईकोर्ट ने विधानसभा के लिए फडणवीस के चुनाव को रद्द करने की मांग करने वाली सतीश उकी की याचिका खारिज कर दी थी। ,जिसके बाद वो मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट पहुंचे। सुप्रीम कोर्ट की तीन जजों की खंडपीठ ने बॉम्बे उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ दायर याचिका पर मुख्यमंत्री को नोटिस भेज जवाब मांगा है।
सतीश उको ने याचिका में कहा है, 1996 और 1998 में फडणवीस के खिलाफ धोखाधड़ी और जालसाजी के दो मामले दर्ज किए गए। 2009 और 2014 में नागपुर के दक्षिण पश्चिम विधानसभा क्षेत्र से फडणवीस ने चुनाव लड़ा, तब भी उनके खिलाफ ये मामले अदालत में चल रहे थे। इसके बावजूद उन्होंने ये जानकारी चुनाव आयोग को नहीं बताई। ऐसे में ये पीपुल्स एक्ट, 1951 के 125-ए का स्पष्ट उल्लंघन है और उनका चुनाव रद्द हो।
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