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स्‍वास्‍थ्‍य मंत्रालय ने कहा- इतनी बड़ी जनसंख्या वाले देश में बिना वैक्सीन के हर्ड इम्युनिटी डेवलप करना बहुत खतरनाक

स्‍वास्‍थ्‍य मंत्रालय ने कहा- इतनी बड़ी जनसंख्या वाले देश में बिना वैक्सीन के हर्ड इम्युनिटी डेवलप करना बहुत खतरनाक

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नई दिल्ली। देशभर में कोरोना संक्रमितों की संख्‍या तेजी से बढ़ रही है जानकारों के अनुसार देश में संक्रमितों की संख्या में इतनी स्‍पीड से वृद्धि होना हर्ड इम्यूनिटी की ओर इशारा हो सकता है उनका मानना है कि वैक्‍सीन आने से पहले ही भारत के कुछ इलाकों में हर्ड इम्‍यूनिटी डेवलेप हो गई है। लेकिन केन्‍द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने इस थ्योरी को देश में आजमाने से इंकार किया है। स्‍वाथ्‍स्‍य मंत्रालय ने कहा कि हर्ड इम्युनिटी एक इनडायरेक्ट प्रोटेक्शन है हमारे देश की 138 करोड़ जनसंख्‍या और आकार को देखते हुए हर्ड इम्‍यूनिटी एक बेहतर विकल्‍प नहीं हो सकता है।

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स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि हमारे देश के साइज और जनसंख्या को देखते हुए हर्ड इम्यूनिटी एक बेहतर विकल्प नहीं हो सकता है। स्वास्थ्य मंत्रालय के सचिव राजेश भूषण ने गुरुवार को कहा कि हर्ड इम्युनिटी एक इनडायरेक्ट प्रोटेक्शन है। हर्ड इम्युनिटी वैक्सिनेशन के बाद पैदा होती है या फिर पहले बीमारी से ठीक होने वाले मरीजों में होती है। 138 करोड़ जनसंख्या वाले देश में बिना वैक्सीन के हर्ड इम्युनिटी डेवलप करना सही नहीं है। यह बहुत ही खतरनाक है। हर्ड इम्यूनिटी को भारत में इम्यूनाइजेशन के द्वारा ही प्राप्त किया जा सकता है। तो ऐसा माना जा सकता है कि भविष्य में हर्ड इम्यूनिटी के दरवाजे खुल सकते हैं। लेकिन हमें अच्छे तरीके से कोविड के व्यवहार को फालो करते रहना होगा।

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उन्‍होंने कहा कि भारत में अब तक 10 लाख से ज्यादा मरीज कोरोनावायरस से ठीक हो चुके हैं। ये अपने आप में बड़ी कामयाबी है। ये दिखाता है कि हमारे डॉक्टर, नर्स और फ्रंटलाइन हेल्थकेयर वर्कर्स ने बहुत मेहनत और लगन से काम किया है।

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गौरतलब है कि नई दिल्ली और मुंबई में सीरो सर्वेक्षणों में कोरोना वायरस महामारी से कम्‍युनिटी स्‍तर पर बचाव होने की उम्मीदों के बीच वैज्ञानिकों ने कहा है कि देश में कोविड-19 के खिलाफ सामूहिक रोग प्रतिरोधक क्षमता यानी कि ऐंटीबॉडी (हर्ड इम्युनिटी) अनेक सामाजिक-आर्थिक समूहों को देखते हुए कुछ इलाकों में ही विकसित हो सकती है और लंबे समय के बजाय कम समय तक रह सकती है।

जानें क्या होती है हर्ड इम्‍यूनिटी
हर्ड इम्युनिटी तब विकसित होती है जब किसी सामान्य तौर पर 70 से 90 फीसद लोगों में किसी संक्रामक बीमारी से ग्रसित होने के बाद उसके प्रति रोग प्रतिरक्षा क्षमता विकसित हो जाती है। लेकिन कोरोना वायरस महामारी की बात है तो अनेक मुद्दे हैं जिनके कारण इस विषय पर आम-सहमति नहीं बन पा रही है। वैक्‍सीन के बिना सरकार इसे लेकर कोई रिस्‍क नहीं लेना चाहती हैं।

बता दें मुंबई में 5485 लोगों का टेस्ट किया गया, इनमें से 1,501 लोग, मतलब 27.3 फीसदी में ऐंटीबॉडी पाए गए। मुंबई में हुए सीरो सर्वे में कहा गया कि यहां तीन निकाय वॉर्डों के स्लम एरिया में रहने वाली 57 फीसदी आबादी और झुग्गी इलाकों से इतर रहनेवाले 16 फीसदी लोगों के शरीर में ऐंटीबॉडी (Herd Immunity) बन गई हैं। इससे संकेत मिलते हैं कि कोरोना वायरस के आधिकारिक आंकड़ों से कहीं अधिक लोग पहले ही इससे संक्रमित हो चुके हैं।

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English summary
Health Ministry said- developing a herd immunity without vaccine in a country with such a large population is very dangerous
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