लोकसभा के अपने आखिरी भाषण में भावुक हुए देवगौड़ा, महागठबंधन को लेकर दिया बड़ा बयान
नई दिल्ली। पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा ने बीजेपी के इस दावे को खारिज किया कि महागठबंधन काम नहीं करेगा। देवगौड़ा ने खुद की सरकार का उदाहरण देते हुए कहा कि कई पार्टियों के साथ मिलकर उन्होंने सरकार बनाई और इस बात को साबित किया है कि महागठबंधन काम कर सकता है। राष्ट्रपति के संबोधन के बाद धन्यवाद प्रस्ताव के दौरान एचडी देवगौड़ा भावुक हो गए।
महागठबंधन पर क्या बोले देवगौड़ा
85 साल के देवगौड़ा ने कहा कि 57 साल उन्होंने देश और प्रदेश स्तर पर राजनीति में बिताए, लोकसभा ये उनका आखिरी भाषण है। अपने कार्यकाल के दिनों को याद करते हुए देवगौड़ा ने कहा कि जब साल 1996 में उन्हे प्रधानमंत्री बनाने की बात हो रही थी तो वे बहुत इच्छुक नहीं थे क्योंकि ये सरकार कई पार्टियों को मिलाकर चलानी थी। गौरतलब है कि एचडी देवेगौड़ा 1996 से 1997 के बीच भारत के प्रधानमंत्री रहे थे।
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वाजपेयी ने भी गठबंधन की सरकार चलाई थी- देवगौड़ा
देवगौड़ा ने कहा कि पश्चिम बंगाल के तल्कालीन मुख्यमंत्री ज्योति बसु, वीपी सिंह को पहले पीएम बनने का प्रस्ताव दिया गया था लेकिन उन दोनों नेताओं के मना करने के बाद उनके नाम का प्रस्ताव रखा गया। देवगौड़ा ने कहा, ' उस वक्त मैंने वॉलंटरी डिस्क्लोजर स्कीम का प्रस्ताव रखा था जिसे तत्कालीन वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने खारिज कर दिया था।' देवगौड़ा ने कहा कि गठबंधन का विरोध ना करें। एक समय अटल बिहारी वाजपेयी ने भी गठबंधन की सरकार चलाई थी। देवगौड़ा ने कहा कि आपसी समझ के साथ गठबंधन की सरकार चलाई जा सकती है। किसी को भी अपने मतभेद सार्वजनिक नहीं करने चाहिए।
पीएम मोदी ने महागठबंधन पर किया था तंज
इसके पहले, पीएम मोदी ने विपक्षी दलों के संभावित गठबंधन पर हमला बोला था और कहा था कि ये महागठबंधन नहीं महामिलावट है। पीएम मोदी ने कहा कि 2014 में देश की जनता ने पुर्ण बहुमत वाली सरकार चुनी और देश अनुभव करता है, जब मिलावटी सरकार होती है तब क्या हाल होता है, और अब तो महामिलावटी आने वाले हैं। ये महामिलावटी यहां पहुंचने वाले नहीं हैं, इसे आप कोलकाता में इकट्ठा करो।