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धारा 144 के बावजूद हाथरस केस के आरोपियों के समर्थन में कैसे हुई पंचायत, प्रशासन पर उठे सवाल

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नई दिल्ली। हाथरस में दलित युवती के साथ हुए अन्याय के खिलाफ जहां देशभर में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। वहीं दूसरी ओर आरोपियों के पक्ष में आसपास के सवर्ण जाति के गांव लामबंद होने शुरू हो गए हैं। शुक्रवार को पीड़िता के घर से थोड़ी ही दूर सवर्ण जाति के सैकड़ों लोगों ने आरोपियों के समर्थन में इकट्ठा होकर विरोध प्रदर्शन किया और उनके लिए न्याय की मांग की। सवाल यह उठता है कि, जब जिले में धारा 144 लगी है तो इतनी बड़ी संख्या में कैसे लोगों ने इकट्ठा होकर पंचायत कर ली।

धारा 144 के बाद भी जुटे सैंकड़ों लोग

धारा 144 के बाद भी जुटे सैंकड़ों लोग

गुरुवार को जिलाधिकारी प्रवीण कुमार लक्षकार ने मीडिया को बताया था कि जिस गांव में (पीड़ित) युवती रहती थी उसे एसआईटी जांच और हाथरस में धारा 144 लागू होने के कारण सील कर दिया गया है। यहां तक मीडिया और राजनीतिक प्रतिनिधियों तक को पीड़ित परिवार से मिलने नहीं दिया गया। ऐसे में सवाल उठता है कि, आरोपियों का समर्थन करने वाले समूह को 144 के बावजूद इकट्ठा होने की अनुमति क्यों दी गई है? जबकि पीड़िता की फैमिली को किसी से मिलने तक नहीं दिया गया।

प्रदर्शन स्थल पीड़िता के घर से कुछ सौ मीटर की दूरी पर

जिस जगह पर आरोपियों के समर्थन में 12 गांवो के उच्च जाति के लोगों की पंचायत हुई है वह पीड़िता के घर से महज कुछ सौ मीटर की दूरी पर स्थित है। विरोध प्रदर्शन शुक्रवार सुबह करीब 10 बजे शुरू हुआ था। प्रदर्शनकारियों ने इस दौरान मामले पर चर्चा की और गिरफ्तारी और जांच पर चिंता जताई। खबरों के मुताबिक चार अक्टूबर को इस मामले को लेकर विधायक राजवीर सिंह पहलवान के घर बैठक की भी बात कही जा रही है। वहीं इंडियन एक्सप्रेस में छपी खबर के मुताबिक, प्रदर्शनकारियों को एक घंटे के भीतर मैदान से हटा दिया गया और इलाके में पुलिस तैनात कर दी गई है। स्थानीय पुलिस अधिकारियों ने कहा कि केवल कुछ प्रदर्शनकारी थे जो एक जमीन पर इकट्ठा हुए थे और अधिकारियों के हस्तक्षेप के बाद तितर-बितर हो गए थे।

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 करीब 10 दिन के इलाज के बाद 29 सितंबर को हो गई थी पीड़िता की मौत

करीब 10 दिन के इलाज के बाद 29 सितंबर को हो गई थी पीड़िता की मौत

बता दें कि, उत्तर प्रदेश के हाथरस ज़िले में 14 सितंबर को सवर्ण जाति के चार युवकों ने 19 साल की दलित युवती के साथ बर्बरतापूर्वक मारपीट करने के साथ कथित बलात्कार किया था। उनकी रीढ़ की हड्डी और गर्दन में गंभीर चोटें आई थीं। उनका इलाज अलीगढ़ के एक अस्पताल में चल रहा था। करीब 10 दिन के इलाज के बाद उन्हें दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में भर्ती कराया गया था। 29 सितंबर को युवती ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया था। इसके बाद परिजनों ने पुलिस पर उनकी सहमति के बिना आननफानन में युवती का 29 सितंबर की देर रात अंतिम संस्कार करने का आरोप लगाया था। जिसके बाद पूरे देश में घटना को लेकर रोष देखा गया था।

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English summary
Despite Section 144, Panchayat in support of accused in Hathras case
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