करात के अवरोध के बावजूद येचुरी बनेंगे माकपा महासचिव
नई दिल्ली(विवेक शुक्ला) एक दौर में जवाहरलाल नेहरु यूनिवर्सिटी स्टुडेंट यूनियन (जेएनयू) के अध्यक्ष रहे सीताराम येचुरी मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के महासचिव बनने जा रहे हैं। हालांकि वर्तमान महासचिव प्रकाश करात नहीं चाहते हैं कि येचुरी बने पार्टी के महासचिव।
पर येचुरी के हक में पश्चिम बंगाल और उनके गृह प्रदेश की इकाइयां हैं। माकपा की पश्चिम बंगाल का येचुरी को समर्थन मिलने से तय है कि उन्हें माकपा के महासचिव पद पर आसीन होने से रोकना कठिन होगा करात केलिए। करात चाहते हैं कि केरल से पार्टी किसी नेता को महासचिव बनाया जाए।
माकपा का सम्मेलन
बता दें कि माकपा की आगामी अप्रैल महीने में विशाखापट्नम में होने वाले सम्मेलन में नए महासचिव पद पर अंतिम फैसला हो जाएगा। इसमें माकपा से जुड़े नेता और कार्यकर्ता भाग लेंगे।
बहरहाल इतना तय है कि जो भी नया महासचिव बनेगा, उसे पार्टी में नई जान फूंकने के लिए कड़ी मेहनत करनी होगी। माकपा का जनाधार लगातार घट रहा है। उसे उसके गढ़ समझे जाने वाले पश्चिम बंगाल में ममता बैनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस पार्टी से लगातार हार का मुंह देखना पड़ रहा है। माकपा को बीते लोकसभा और विधानसभा चुनावों में राज्य में अपेक्षित सफलता नहीं मिली।
पिल्लै की चाहत
जानकारों का कहना है कि करात केरल से पार्टी के नेता रामचंद्रन पिल्लै को महासचिव बनाने के हक में हैं। पिल्लै भी माकपा की पोलित ब्यूरो के सदस्य है। हालांकि करात को मालूम है कि उनका येचुरी को महासचिव बनने से रोक पाने का सपना पूरा शायद नहीं हो।
हालांकि येचुरी का संबंध तो आंध्र प्रदेश से हैं, पर वे राज्य सभा में पश्चिम बंगाल से सदस्य है। वे बेहद तेज-तर्रार नेता हैं। वे कलम के भी धनी हैं। बहुत लिखते हैं। हिन्दुस्तान टाइम्स में नियमित रूप से लिखते हैं। उनकी पत्नी भी एक बड़े अंग्रेजी अखबार की वरिष्ठ संपादक हैं। उधर, करात की पत्नी वृंदा करात भी माकपा की पोलित ब्यूरो में हैं। बता दें कि वृंदा करात और एनडीटीवी प्रमुख प्रणव राय की पत्नी राधिका राय बहनें हैं।