मोदी की प्रचंड जीत में भी इन 4 राज्यों में भाजपा को मिला शून्य बटे सन्नाटा
नई दिल्ली। इस बार के लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने प्रधानंमत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में जबरदस्त जीत दर्ज की है। पार्टी ने अकेले दम पर 303 लोकसभा सीटों को जीतकर विपक्षी दलों की उम्मीदों पर पानी फेर दिया है। कई राज्यों में भाजपा ने क्लीन स्वीप भी किया है और यहां विपक्ष का सूपड़ा साफ हो गया है। यही नहीं इस चुनाव में ऐसे-ऐसे दिग्गज मोदी लहर के सामने हार गए जो कई दशकों से कभी चुनाव नहीं हारे। बावजूद इसके चार राज्यों में भारतीय जनता पार्टी अपना खाता तक नहीं खोल सकी। देशभर में जबरदस्त प्रदर्शन करने के बाद भी भाजपा को दक्षिण के चार राज्यों केरल, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु और पुडुचेरी में एक भी सीट पर जीत नहीं मिली है।
केरल में कांग्रेस का डंका
केरल की बात करें तो इसे लेफ्ट का गढ़ माना जाता है, लेकिन भारतीय जनता पार्टी इस बार दावा कर रही थी कि वह यहां पर बेहतर प्रदर्शन करेगी। लगातार भाजपा और लेफ्ट के बीच हिंसक झड़प की भी खबरें सामने आई। खुद भाजपा अध्यक्ष अमित शाह केरल को लेकर अक्सर बयानबाजी देते रहे हैं, लेकिन पार्टी इन सब के बाद यहां अपना खाता नहीं खोल सकी। केरल में लोकसभा की कुल 20 सीटें हैं, जिनमे से कांग्रेस ने 15 सीटों पर जीत दर्ज की है, जबकि सीपीआईएम के खाते में एक सीट गई है। वहीं इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग ने दो सीटों पर जीत दर्ज की है। केरला कांग्रेस को एक सीट और रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी को एक सीट मिली है। हालांकि वोट प्रतिशत के मामले में भाजपा केरल में तीसरे पायदान पर रही। भाजपा को केरल में 12.93 फीसदी वोट मिला। जबकि कांग्रेस को 37.3 फीसदी वोट मिला। वहीं सीपीएम को 25.8 फीसदी वोट मिला।
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आंध्र में भी नहीं खुला खाता
आंध्र प्रदेश की बात करें तो यहां पर सबसे बड़ा नुकसान चंद्रबाबू नायडू की टीडीपी को पहुंचा है। आंध्र की 25 सीटों में से टीडीपी को सिर्फ 3 सीटों पर जीत मिली है। वहीं वाईएसआर कांग्रेस पार्टी ने प्रदेश में जबरदस्त प्रदर्शन करते हुए रिकॉर्ड 22 सीटों पर जीत दर्ज की। लेकिन भाजपा यहां पर एक भी सीट पर जीत दर्ज नहीं कर सकी। दिलचस्प बात यह है कि पिछले लोकसभा चुनाव में भाजपा ने यहां टीडीपी के साथ मिलकर चुनाव लड़ा था, लेकिन इस बार चंद्रबाबू नायडू ने आंध्र में अकेले चुनाव लड़ा और सिर्फ प 3 सीटों पर जीत दर्ज की।
तमिलनाडु में हाथ लगी निराशा
वहीं तमिलनाडु में भाजपा को उम्मीद थी कि वह एआईएडीएमके साथ मिलकर प्रदेश में बेहतर प्रदर्शन करेगी, लेकिन चुनाव नतीजे पार्टी की अपेक्षा के बिल्कुल उलट आए। एक तरफ जहां भाजपा यहां पर अपना खाता भी नहीं खोल सकी तो दूसरी तर एआएडीएमके सिर्फ एक सीट पर ही जीत दर्ज कर सकी। वहीं डीएमके ने प्रदेश में जबरदस्त प्रदर्शन करते हुए 23 सीटों पर जीत दर्ज की। साथ ही सीपीआई, सीपीआईएम ने 2-2 सीटों पर जीत दर्ज की। जबकि कांग्रेस के खाते में 8 सीटें आई।
पुडुचेरी में कांग्रेस की जीत
हालांकि पुडुचेरी में लोकसभा की महज एक ही सीट है और इस सीट पर कांग्रेस ने जीत दर्ज की है और भारतीय जनता पार्टी को यहां भी निराशा हाथ लगी। बता दें कि पुडुचेरी में कांग्रेस की सरकार है और नारायण सामी प्रदेश के मुख्यमंत्री हैं। यहां पर एलजी किरण बेदी और प्रदेश सरकार के बीच अक्सर तनातनी देखने को मिलती है। गौरतलब है कि लोकसभा चुनावों में जबरदस्त जीत दर्ज करने के बाद प्रधानंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी कैबिनेट ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को अपना इस्तीफा सौंप दिया था। नई सरकार के गठन को लेकर आज एनडीए संसदीय बोर्ड की बैठक है, जिसमे कई अहम फैसले लिए जा सकते हैं।
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