अमरीश पुरी के पोते वर्धन पुरी ने अपने दम पर लिया है पहला ब्रेक, बोले 'नेपो किड' नहीं
मुंबई, 12 मई: बॉलीवुड में नेपोटिज्म यानी भाई भतीजावाद का आरोप एक्ट्रेस- एक्ट्रेस पर लगता रहता है। कहा जाता है कि सेलेब्स के बच्चों और परिवार के लोगों को बॉलीवुड में मुकाम हासिल करने के लिए ज्यादा मेहनत नहीं करनी पड़ती लेकिन ये बात वर्धन पुरी पर फिट नहीं बैठती है। वर्धन पुरी बॉलीवुड के जाने माने कलाकार अमरीश पुरी के पोते हैं इसके बावजूद उन्हें फिल्म इंडस्ट्री में ब्रेक के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ी। वर्धन पुरी ने कहा कि उन्होंने अपने दम पर काम हासिल किया और, किसी और की तुलना में अधिक ऑडिशन दिया है, चाहे वह नेपोकिड हो या बाहरी।
अमरीश पुरी का पोता होने के बावजूद वर्धन को ब्रेक इतनी आसानी से नहीं मिला
बता दें अमरीश पुरी जैसे कलाकार पोता होने के बावजूद वर्धन को बॉलीवुड में ब्रेक इतनी आसानी से नहीं मिला था। वर्धन पुरी जो कि बॉलीवुड में अपनी पहचान बनाने के लिए स्ट्रगल कर रहे हैं उन्होंने अपने साक्षात्कार में खुद बताया कि उनके बाबा अमरीश पुरी जिंदा भी होते तो उन्हें ऐसे ही स्ट्रगल करना पड़ता क्योंकि उन्होंने हमेशा हमें ये सीख दी कि चाहे किसी भी स्टार के बच्चे का डेब्यू भले ही करवा दिया जाए लेकिन उसे एक्टिंग की कसौटी पर दर्शक ही कसते और एप्रूवल देते हैं। इसलिए शार्ट कट के बजाय लॉगकट ही बेहतर है।
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वर्धन पुरी का नाम नेपोटिज्म में कभी नहीं घसीटा गया
2019 में वर्धन पुरी ने 'ये साली आशिकी' फिल्म से डेब्यू किया था। उसी के कुछ समय बाद नेपाटिज्म को लेकर कई नेपोकिड पर तरह-तरह के आरोप लगे लेकिन वर्धन पुरी का नाम नेपोटिज्म में नहीं घसीटा गया। अमरीश पुरी का पोते होने के बावजूद वर्धन पुरी का पहला ब्रेक बड़ी मशक्कत के बाद मिला था। वर्धन ने कहा मैं नेपो किड नहीं हूं। उन्होंने कहा मुझे अपने बाबा अमरीश पुरी से और जिंदगी, सिनेमा, करियर, एक्टिंग और थिएटर के बारे में काफी सीख मेरे घर में ही मिली।
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वर्धन ने कहा दादा ने मेरे लिए कभी किसी को फोन नहीं किया
वर्धन पुरी ने साक्षात्कार में खुलासा किया कि मुझे कभी नेपो किड था। बाबा अमरीश पुरी का जब निधन हुआ तो मैं यंग था और थियेटर कर रहा था। वर्धन ने कहा दादा ने जीवित रहते कभी मेरे लिए किसी को फोन करके या कास्टिंग के लिए या ऑफिस जाकर बात करने की बात नहीं की। उन्होंने कहा अगर आज जिंदा भी होते तो ऐसा बिलकुल नहं करते क्योंकि वो हमेशा कहते थे कि जिंदगी में जो कुछ भी बनना है अपने दम पर बनो, उसके लिए मेहनत करो। वर्घन ने कहा मैं अपने बाबा के दिखाए रास्ते पर चल रहा हूं। वर्धन पुरी ने कहा मैं अपने दादा अमरीश पुरी की जिंदगी पर बायोपिक बनाने वाला हूं।