दिल्ली में मैसेंजर ऑफ गॉड भी नहीं बचा सके भाजपा को
नई दिल्ली (विवेक शुक्ला) भाजपा को ना तो बाबा राम रहीम बचा सके और ना ही जामा मस्जिद के शाही इमाम। डेरा बाबा सच्चा सौदे के प्रमुख राम रहीम ने भाजपा के हक में वोट देने की अपील की थी दिल्ली विधानसभा चुनाव में। उनका दावा था कि दिल्ली में उनके लाखों चेलेहैं। वे सब भाजपा को वोट देंगे। पर यह नहीं हुआ।
इसी तरह से जामा मस्जिद के इमाम बुखारी ने जुमे की नमाज में ऐलान किया कि मुसलमान आम आदमी पार्टी को वोट करें। उनकी अपील को एक तरह से भाजपा के हक में जाता देखा गया। अनुमान था कि इससे वोटों का ध्रुवीकरण होगा। पर अफसोस कि भाजपा को कोई लाभ नहीं हुआ। मुसलमानों ने भी इमाम को नजरअंदाज किया।
भागे बाबा-इमाम
वरिष्ठ पत्रकार अमित सेन गुप्ता ने कहा कि दिल्ली की जनता ने बाबाओं और इमामों को खारिज कर दिया। इन्हें इनकी औकात बता दी। अब सभी दल इनसे सहयोग लेने से पहले दस बार सोचेंगे।
अवसरवादी इमाम
जानकारों का कहना है कि इमाम की अपील या फतवे का मुसलमानों पर रत्तीभर भी असर नहीं हुआ। कारण ये है कि मुसलमान उनका सम्मान नहीं करते। सबको पता है कि वे अवसरवादी हैं। बता दें कि उनके पिता एक दौर में जनता पार्टी के लिए कैंपेन करते थे। इस बीच, भाजपा नेता संजीव गुप्ता कहते हैं कि आप की अभूतपूर्व आँधी सारे बाबा उड़ गए। भाजपा को दुबारा से जनता के बीच में जाना होगा।