उपसभापति चुनाव: 12 विपक्षी पार्टियों ने मनोज झा को चुना संयुक्त उम्मीदवार, कल होगी अग्नि परीक्षा
नई दिल्ली। कल यानी 14 सितंबर को होने वाले राज्यसभा के उपसभापति चुनाव को लेकर एक बड़ी खबर सामने आ रही है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार उपसभापति चुनाव के लिए बारह विपक्षी दलों ने राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के राष्ट्रीय प्रवक्ता और राज्यसभा सांसद मनोज झा की उम्मीदवारी के लिए अपना समर्थन देने की पुष्टि की है। बता दें कि मनोज झा ने विपक्षी उम्मीदवार के तौर पर शुक्रवार को नामांकन दाखिल किया था।
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रिपोर्ट के मुताबिक मनोज झा की उम्मीदवारी को कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, तृणमूल कांग्रेस, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी, द्रविड़ मुनेत्र कड़गम, शिव सेना, झारखंड मुक्ति मोर्चा, केरल कांग्रेस (एम), भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) और इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग ने अपना समर्थन दिया है। कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने नाम न बताने की शर्त पर कहा, उनकी पार्टी के वरिष्ठ नेता, सपा और द्रमुक भी अन्य विपक्षी दलों जैसे कि बहुजन समाज पार्टी और आम आदमी पार्टी के साथ बातचीत कर रहे थे ताकि झा को समर्थन दिया जा सके।
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कांग्रेस नेता ने कहा, 'हम सभी विपक्षी दलों तक पहुंच बना रहे हैं।' बता दें कि कांग्रेस के नेतृत्व में विपक्ष ने राज्यसभा के उपसभापति पद के लिए चुनाव निर्विरोध कराने के लिए मनोज झा को संयुक्त उम्मीदवार के रूप में चुना था। बता दें कि आरजेडी सांसद को 2018 में राज्यसभा के लिए नामित किया गया था। जनता दल (यूनाइटेड) के सदस्य हरिवंश सिंह का कार्यकाल अप्रैल में समाप्त होने के बाद डिप्टी चेयरमैन का पद खाली हो गया। जद (यू) नेता को आगामी चुनाव के लिए आरजेडी का उम्मीदवार बनाया गया है।
क्या
है
आंकड़े?
245
सदस्यों
वाले
सदन
में
मौजूदा
सदस्यों
की
संख्या
244
है।
उपसभापति
पद
के
उम्मीदवार
को
जीत
के
लिए
123
सदस्यों
का
वोट
चाहिए।
सत्ताधारी
गठबंधन
के
पास
कुल
सदस्य
संख्या
116
हैं
यानी
उसे
7
वोटों
की
और
दरकार
है।
वहीं
सत्ताधारी
गठबंधन
के
मैनेजरों
को
पूरा
यकीन
है
कि
बीजू
जनता
दल
(9
सांसद),
वाईएसआर
कांग्रेस
(6
सांसद),
तेलंगाना
राष्ट्र
समिति
(7
सांसद)
के
सांसदों
के
वोट
हरिवंश
को
ही
पड़ेगे।
बीजेपी
नेताओं
का
कहना
है
कि
उनके
उम्मीदवार
को
140
के
आसपास
वोट
पड़ने
वाले
हैं।
यह
आंकड़ा
असंभव
भी
नहीं
है।
आर्टिकल-370
और
सीएए
के
मसले
पर
भी
सरकार
को
गैर-एनडीए
दलों
का
भरपूर
समर्थन
मिल
चुका
है।
वहीं
कांग्रेस
पार्टी
चाहती
है
कि
भाजपा
के
विजय
रथ
को
रोकने
के
लिए
विपक्ष
एक
हो
जाए।