Agriculture Bill 2020: धरने पर बैठे निलंबित सांसदों से मिलने पहुंचे राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश, चाय भी पिलाई
नई दिल्ली। किसानों से जुड़े बिल को लेकर विपक्ष का विरोध लगातार जारी है,विरोध की आग अभी थमने का नाम नहीं ले रही है कि इस बीच राज्यसभा से निलंबित 8 सांसदों का मामला तूल पकड़ चुका है, कल से निलंबित सांसद संसद परिसर में धरने पर बैठे हैं, पूरी रात उनका प्रदर्शन जारी रहा, सारे सांसद गांधी प्रतिमा के पास डटे हुए हैं तो वहीं निलंबित सांसदों से मिलने मंगलवार सुबह राज्यसभा के डिप्टी चेयरमैन हरिवंश संसद परिसर पहुंचे और उन्हें चाय भी दी।
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लेकिन धरने पर बैठे सांसदों ने उपसभापति हरिवंश की चाय पीने से इनकार कर दिया। धरने पर बैठे आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने कहा- जब देश के हजारों किसान भूखे-प्यासे सड़कों पर इस काले कानून के खिलाफ हैं तो हम यहां किसी से व्यक्तिगत रिश्ता कैसे निभा सकते हैं।
सरकार की ओर से कोई भी हमसे मिलने नहीं आया
तो वहीं कांग्रेस के सांसद रिपुन बोरा ने कहा कि उपसभापति हरिवंश हम सभी सांसदों से मिलने आए. वह बतौर एक साथी के तौर पर मुलाकात करने आए, वह हम लोगों के लिए चाय लेकर आए, निलंबन के विरोध में हम लोग धरने पर बैठे हैं. हम रातभर यहीं पर थे. उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से कोई भी हमसे मिलने नहीं आया, हमारा धरना जारी रहेगा आपको बता दें कि राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश के साथ दुर्व्यवहार करने और सदन में हंगामा करने के लिए इन सांसदों को सदन की कार्यवाही से निलंबित किया गया है।
आठ सांसदों को निलंबित किया गया है
मालूम हो कि संसद के मानसूत्र सत्र के 8वें दिन सभापति वेंकैया नायडू ने राज्यसभा में रविवार को कृषि विधेयक पर चर्चा के दौरान हंगामा करने वाले आठ सांसदों को निलंबित कर दिया था, जिसमें TMC सांसद डेरेक ओ ब्रायन, AAP सांसद संजय सिंह, राजू सातव, केके रागेश, रिपुन बोरा, डोला सेन, सैय्यद नजीर हुसैन और एलमरान करीम का नाम शामिल है, जिसके बाद विरोधी दल भड़क गए। उन्होंने राज्यसभा में हंगामा शुरू कर दिया।
बोले संजय सिंह- किसानों के खिलाफ काला कानून कैसे पास किया गया?
जिसके बाद उपसभापति ने निलंबित सांसदों को सदन से बाहर जाने और कोविड प्रोटोकॉल का पालन करने के निर्देश दिए थे लेकिन सांसद मान नहीं रहे थे और लगातार हंगामा कर रहे थे, आप के सांसद संजय सिंह तो सदन के बाहर ही धरने पर बैठ गए हैं, संजय सिंह का कहना है कि वो तब तक धरने पर बैठे रहेंगे, जब तक सरकार यह नहीं बताती कि कल बिना वोटिंग और बहुमत नहीं होने के बावजूद लोकतंत्र और संविधान की हत्या करके किसानों के खिलाफ काला कानून कैसे पास किया गया?
बिल के खिलाफ सड़कों पर प्रदर्शन
बता दें कि पंजाब, हरियाणा सहित कई राज्यों में किसान केंद्र सरकार के इस बिल के खिलाफ सड़कों पर प्रदर्शन कर रहे हैं, हालांक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को भी बिल पारित होने के बाद कहा था कि अब इन बिलों के पास होने से हमारे किसानों की पहुंच भविष्य की टेक्नोलॉजी तक आसान होगी। इससे न केवल उपज बढ़ेगी, बल्कि बेहतर परिणाम सामने आएंगे। यह एक स्वागत योग्य कदम है। उन्होंने लिखा कि मैं पहले भी कहा चुका हूं और एक बार फिर कहता हूं, MSP की व्यवस्था जारी रहेगी, सरकारी खरीद जारी रहेगी।