बेहद खास है आज का दिन, पढ़िए स्वामी दयानंद, मोरारजी देसाई और टाइटैनिक से जुड़े ये फैक्ट
आज यानि 10 अप्रैल का दिन इतिहास में बहुत महत्वपूर्ण है। सिर्फ देश में ही नहीं, दुनिया में भी आज के दिन कई ऐसी घटनाएं हुई हैं, जो इतिहास के पन्नों में दर्ज हैं। आज का ही वो दिन है जो विशाल जहाज टाइटैनिक, स्वामी दयानंद सरस्वती और प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई को जोड़ता है।
नई दिल्ली। आज यानि 10 अप्रैल का दिन इतिहास में बहुत महत्वपूर्ण है। सिर्फ देश में ही नहीं, दुनिया में भी आज के दिन कई ऐसी घटनाएं हुई हैं, जो इतिहास के पन्नों में दर्ज हैं। आज का ही वो दिन है जो विशाल जहाज टाइटैनिक, स्वामी दयानंद सरस्वती और प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई को जोड़ता है। आज का दिन जहां टाइटैनिक जहाज और मोरारजी देसाई के लिए अशुभ साबित हुआ था, तो वहीं स्वामी दयानंद सरस्वती ने आज ही के दिन समाज सुधार के लिए नए समाज की स्थापना की थी।
आज के दिन ही उस अशुभ यात्रा पर निकला था टाइटैनिक
टाइटैनिक को आजकल हर कोई जेम्स कैमरून की फिल्म 'टाइटैनिक' से जानता है, जिसमें जैक (लियनार्डो डी कैप्रियो) अपनी मोहब्बत रोज (केट विंस्लेट) के लिए अपनी जान की कुर्बानी दे देता है, लेकिन टाइटैनिक जहाज की असली कहानी इससे काफी अलग है। आरएमएस टाइटैनिक आज ही के दिन 2,224 पैसेंजर्स के साथ इंग्लैंड के साउथहैम्प्टन से न्यूयॉर्क के लिए रवाना हुआ था। उस जहाज में मौजूद लोगों को क्या मालूम था कि ये यात्रा उनकी आखिरी यात्रा होने वाली है। 15 अप्रैल को उत्तरी अटलांटिक सागर में हिमपर्वत से टकराने के कारण ये जहाज पानी में समा गया था। 2,224 लोगों में से तकरीबन 1,500 लोगों की मौत हो गई थी।
स्वामी दयानंद सरस्वती ने की थी आर्य समाज की स्थापना
आज के दिन एक और महत्वपूर्ण घटना हुई थी, जिसने भारत को एक नया समाज दिया था। आज ही के दिन 143 साल पहले मुंबई के गिरगांव में स्वामी दयानंद सरस्वती ने आर्य समाज की स्थापना की थी। इस समाज को एक हिंदू सुधार आंदोलन भी कहा गया था, क्योंकि हिंदू धर्म में मौजूद कुरीतियों को खत्म करने के लिए ही इस समाज की स्थापना की गई थी। आर्य समाज जातिगत भेदभाव, छुआछूत, मूर्ति पूजा और अंधविश्वास में नहीं मानता। इसके लिए दयानंद सरस्वती ने 1869 से 1873 के बीच गुरुकुल की भी स्थापना की थी जिससे सत्य, सनातन धर्म और वैदिक शिक्षा को बढ़ावा मिल सके।
आज मोरारजी देसाई की पुण्यतिथि
एक कारण से और आज का दिन याद किया जाता है और वो है भारत के चौथे प्रघानमंत्री मोरारजी देसाई के निधन के लिए। आज ही के दिन साल 1995 में 99 साल की उम्र में भारतीय स्वतंत्रता कार्यकर्ता और पूर्व प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई का निधन हुआ था। गुजरात में जन्मे मोरारजी देसाई को भारत और पाकिस्तान के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न और निशान-ए-पाकिस्तान से नवाजा गा था।
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