औरतों को अकेले हज भेजने के मंत्रालय के दावे पर उलेमा ने उठाए सवाल
सहारनपुर। केंद्रीय हज मंत्रालय ने दावा किया है कि इस वर्ष पहली बार तेरह सौ महिलाएं महरम (जिनसे खून का रिश्ता हो) के बगैर हज यात्रा करेंगी। इतना ही नहीं इन महिलाओं को हज मंत्रालय द्वारा लॉटरी सिस्टम से भी अलग रखा गया है। इस दावे पर देवबंदी उलेमा ने सवाल उठाते हुए पूछा है कि केंद्रीय हज मंत्रालय पहले यह बताए कि इन महिलाओं को ग्रुप बनाकर भेजा जाएगा या फिर अकेले।
मुम्बई में आयोजित हुए एक हज प्रशिक्षण शिविर में केंद्रीय हज मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने दावा किया है कि हिंदुस्तान से पहली बार लॉटरी सिस्टम में छूट देकर 1308 मुस्लिम महिलाओं को बिना महरम के हज यात्रा के लिए भेजा रहा है। फतवा ऑन मोबाइल सर्विस के चेयरमैन मुफ्ती अरशद फारुकी ने सरकार की घोषणा पर सवाल उठाते हुए पूछा है कि क्या इन महिलाओं को समूह बनाकर हज पर भेजा जाएगा या अकेले। क्योंकि ऐसी औरतें जिनका कोई महरम साथ न हो उन्हें समूह में शामिल होकर हज यात्रा पर जाने की इस्लाम में कोई मनाही नहीं है। जबकि इस्लाम अकेले किसी महिला को हज पर जाने की इजाजत नहीं देता है।
तंजीम उलेमा-ए-हिंद के प्रदेशाध्यक्ष मौलाना नदीमुल वाजदी ने कहा है कि सरकार दावा कर रही है कि हज के सफर का टिकट कम कर दिया गया है। जबकि सच यह है कि आम दिनों के मुकाबिल हज यात्रियों से टिकट के नाम पर दोगुनी रकम वसूली जाती है। उन्होंने सरकार द्वारा हवाई यात्रा के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर टेंडर न किये जाने पर भी सवाल उठाए और मांग की कि सरकार मुसलमानों को उनकी सबसे पवित्र यात्रा पर भेजने के लिए ऐसे बंदोबस्त करे जिससे यह यात्रा सहुलत के साथ कम से कम कीमत में पूरी हो सके। ताकि वह लोग भी हज पर जाने की हिम्मत जुटा पाएं जिनके पास अधिक रुपये नहीं हैं।