ट्रांसजेंडर' ने लगाया नौकरी में भेदभाव का आरोप, एयर इंडिया ने खारिज किए आरोप
नई दिल्ली: एक 28 वर्षीय ट्रांसजेंडर शानवी पोनुसामी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर एयर इंडिया पर नौकरी में भेदभाव का आरोप लगाया था। उसने आरोप लगाते हुए कहा था कि उसे केबिन क्रू की नौकरी इसलिए नहीं दी गई क्योंकि उसने अपना सेक्स चेंज करा लिया था। जबकि एयर इंडिया ने अपना जवाब दाखिल करते हुए आरोपों को बेबुनियाद बताया है।
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एयर इंडिया ने कहा कि कंपनी नौकरी में किसी प्रकार का भेदभाव नहीं करती है और जिस पद के लिए परीक्षा की बात हो रही है, वो बाहरी रिक्रूटमेंट कंपनी के हवाले से ली जा रही थी। एयर इंडिया ने कहा कि पद के लिए जो भी जरूरी चीजें हैं, वो शानवी पूरा नहीं कर पा रही थी। इसका उनके लिंग चेंज कराने से कोई संबंध नहीं है। एयर इंडिया ने कहा कि इसमें कोई भेदभाव नहीं किया गया और उनको पूरा मौका मिला था।
एयर इंडिया ने सुप्रीम कोर्ट से इस याचिका को खारिज करने की मांग करते हुए कहा कि शानवी की कोशिशों से कंपनी की दुनियाभर में काफी बदनामी हुई है। इसलिए कंपनी अब शानवी के खिलाफ कार्रवाई करने का विचार कर रही है। जबकि पूरे मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने शानवी को एक हफ्ते में जवाब देने को कहा है और अगली सुनवाई 30 जुलाई तक के लिए टाल दिया है।
बता दें कि शानवी पोनुसामी ने एयर इंडिया में केबिन क्रू के पद के लिए आवेदन किया था। शानवी का आरोप है कि ट्रांसजेंडर होने के चलते उन्हें नहीं चुना गया और केबिन क्रू की नौकरी में तीसरे लिंग की श्रेणी नहीं बनाई गई थी। शानवी का कहना था कि अच्छे अंक लाने के बावजूद नौकरी नहीं दी गई।
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