Farm Bill 2020: संसद परिसर में विपक्षी दलों का प्रदर्शन जारी, शाम 5 बजे राष्ट्रपति से मिलेंगे
नई दिल्ली। पहले लोकसभा और फिर राज्यसभा में दो कृषि विधेयकों के पारित होने के बाद सड़क से संसद तक विरोध बढ़ता ही जा रहा है। कई विपक्षी दलों ने किसान मुद्दे पर मोदी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। रविवार को हुए हंगामे के बाद सभापति वैंकेया नायडू ने विपक्ष के 8 सांसदों को पूरे मानसून सत्र के लिए सस्पेंड कर दिया था, तब से विपक्ष सभी पार्टियों ने लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही का बहिष्कार कर दिया है। इस बीच कृषि विधेयक पर पुनर्विचार के लिए विपक्षी दल आज (23 सितंबर) शाम 5 बजे राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात करने वाले हैं।
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उधर, संसद परिसर में संयुक्त रूप से विपक्षी दलों का कृषि विधेयकों को खिलाफ विरोध प्रदर्शन भी जारी है। सांसद किसान बचाओ, मजदूरों को बचाओ और लोकतंत्र को बचाओ जैसे नारे लगा रहे हैं। विरोध प्रदर्शन में कांग्रेस के गुलाम नबी आजाद, टीएमसी के डेरेक ओ ब्रायन और राकांपा के प्रफुल्ल पटेल सहित अन्य उपस्थित है। बता दें कि इस मुद्दे पर विपक्ष को शिरोमणि अकाली दल की नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल का भी साथ मिला है। किसानों के समर्थन में उन्होंने भारतीय जनता पार्टी को झटका देते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। इस बीच विपक्षी दलों ने राज्यसभा के सभापति एम. वेंकैया नायडू को पत्र लिखकर कहा कि वे विपक्षी पार्टी के सांसदों की अनुपस्थिति में राज्यसभा में तीन श्रम संबंधी विधेयकों को पारित न करें।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक कोरोना वायरस प्रोटोकॉल के चलते विपक्षी दलों के सिर्फ पांच नेताओं को ही राष्ट्रपति कोविंद से मिलने की अनुमति है। इससे पहले विपक्षी दलों ने राष्ट्रपति से मिलने का समय मांगा था। गौरतलब है कि रविवार को दो कृषि विधेयक पास होने के एक दिन बाद विपक्षी दलों ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से अनुरोध किया था कि वह इन दोनों प्रस्तावित कानूनो पर हस्ताक्षर नहीं करें। इसके अलावा मोदी सरकार के एजेंडे को लेकर विपत्री दलों ने राष्ट्रपति कोविंद को एक पत्र भी लिखा था। बता दें कि राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद यह कृषि विधेयक कानून बन सकते हैं।
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