बाबरी मस्जिद का ढहाया जाना लोकतंत्र की हत्या: सीताराम येचुरी
नई दिल्ली। कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया ने कहा है कि बाबरी मस्जिद का ढहाया जाना देश के धर्मनिरपेक्ष ढांचे और लोकतंत्र पर सबसे बड़ा हमला है। सीपीएम के जनरल सेक्रेटरी सीताराम येचुरी ने कहा कि बाबरी मस्जिद को ढहाए जाने के 25 साल हो गए हैं। ये भारत के आधुनिक इतिहास पर सबसे बदनुमा दाग है। ये देश के सेक्युलर और डेमोक्रेटिक ढांचे पर सबसे बड़ा प्रहार है।
अयोध्या में साढे चार सौ साल पुरानी बाबरी मस्जिद को छह दिसंबर 1992 को ढहा दिया गया था। सीताराम येचुरी ने कहा कि 6 दिसंबर डॉ अंबेडकर की पुण्यतिथि है। अंबेडकर ने देश को संविधान दिया और एक लोकतांत्रिक और धर्मनिरपेक्ष देश की नींव डाली। ऐसे दिन को देश में एक मस्जिद को ढहाया जाना शर्मनाक है। येचुरी ने कहा कि संविधान को बचाने के लिए छह दिसंबर को काला दिन के तौर पर याद करना चाहिए और कोशिश की जाए कि भविष्य में ऐसा ना हो।
सीपीएम और दूसरे वामपंथी दलों ने आज (छह दिसंबर) को काला दिन के तौर पर मनाने का ऐलान किया है। सीपीएम के साथ सीपीआई, सीपीआई-एमएल, आरएसपी, फॉरवर्ड ब्लॉक और एसयूसीआई ने छह दिसंबर को काला दिन के तैर पर मना रही हैं।
छह दिसंबर को भारतीय जनता पार्टी और विश्व हिन्दू परिषद ने अयोध्या पहुंचने का आह्वान किया था, जिसमें करीब 1.5 लाख लोग पहुंचे थे। ये रैली हिंसक हो गई थी और मस्जिद को ढहा दिया गया था। इस मामले में भारतीय जनता पार्टी और विश्व हिन्दू परिषद के कई सीनियर नेताओं पर मुकदमा चलाया गया, कई पर अभी भी मामले चल रहे हैं।
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