भारत को अगले साल मिलेगा पहला एस-400 मिसाइल सिस्टम
नई दिल्ली। जमीन से हवा में मारने की क्षमता रखने वाला पहला एस-400 मिसाइल सिस्टम भारत को अक्टूबर 2020 में मिलेगा और बाकि के सभी पांच स्काड्रन रूस से अप्रैल 2023 तक मिलेंगे। लोकसभा में बुधवार को जूनियर डिफेंस मिनिस्टर सुभाष भामरे ने कहा कि एस-400 मिसाइल सिस्टम देश की एयर डिफेंस क्षमता को मजबूत करेगा जो खतरनाक जगहों पर दुश्मन को निशाना बनाने में सक्षम है। एस-400 मिसाइल सिस्टम को लेकर भारत-रूस के बीच पिछले साल अक्टूबर में 40,000 करोड़ रुपये की लागत वाले समझौते पर हस्ताक्षर हुए थे।
लोकसभा में सरकार ने कहा कि एस-400 मिसाइल सिस्टम की डिलेवरी अक्टूबर 2020 से शुरू होगी और अप्रैल 2023 तक पूरी हो जाएगी। अमेरिकी चेतावनी के बाद भी भारत और रूस ने इस महत्वपूर्ण डिफेंस डील पर हस्ताक्षर किये थे।
अमेरिका ने धमकी थी कि उनके काट्सा (Countering America's Adversaries through Sanctions Act ) के तहत कोई भी देश रूस से हथियार और ईरान से ऑयल नहीं खरीद सकता। हालांकि, भारत ने इसके बाद भी रूस से एस-400 समझौते पर हस्ताक्षर कर लिए थे।
भामरे ने कहा कि सरकार ने अपने हितों और सुरक्षा की चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए इस डील पर समझौते पर फैसला किया है। बता दें कि यह एस-400 मिसाइल जमीन से दुश्मन के जेट, जासूसी विमान, मिसाइल और ड्रोन को डिटेक्ट करने की क्षमता रखता है। एस-400 मिसाइल सिस्टम 380 किमी तक की दूरी तक अटैक करने की क्षमता रखता है।