दिल्ली को स्मॉग टावर के लिए करना पड़ सकता है इंतजार, IIT बॉम्बे को SC ने लगाई फटकार
नई दिल्ली। भारत की राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में पिछले साल वायु प्रदूषण के चलते लोगों का जीना हराम हो गया था। इससे निपटने के लिए दिल्ली में स्मॉग टावर लगाने को भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी) बॉम्बे आगे आया था लेकिन अब वह इस पोजेक्ट से पीछे हट गया है। हालांकि ऐसा भी कहा जा रहा है कि आइआइटी बॉम्बे स्मॉग टावर के प्रोजेक्ट से पूरी तरह पीछे नही हटा है लेकिन उसने अपना रोल कम कर लिया। आइआइटी बॉम्बे के इस फैसले से अब सुप्रीम कोर्ट ने नाराजगी जताते हुए तीखी प्रतिक्रिया दी है। सुप्रीम कोर्ट ने IIT बॉम्बे को अदालत द्वारा केंद्र को सौंपी गई स्मॉग टावर्स परियोजना से पीछे हटने पर फटकार लगाई है।
जस्टिस अरुण मिश्रा ने कहा कि कोर्ट इसके लिए आइआइटी बॉम्बे को दंडित कर सकता है, स्मॉग टावर्स में देरी को सुप्रीम कोर्ट ने अवमानना माना है। जस्टिस अरुण मिश्रा ने कहा, आइआइटी बॉम्बे पोजेक्ट के लॉक होने के सात महीने बाद पीछे कैसे हट सकते हैं, यह बकवास है, हम आइआइटी बॉम्बे के खिलाफ अवमानना का चार्ज लगाकर उसे दंडित करेंगे। बता दें कि न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा की पीठ दिल्ली में प्रदूषण मामले की सुनवाई कर रही है। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया कि शहर भर में स्मॉग टावर लगाया जाए। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कोर्ट को बताया कि अब आईआईटी बॉम्बे इस प्रोजेक्ट से पीछे हट गया है, इसके विकल्प के तौर पर हम आईआईटी दिल्ली और NEERI से बात कर रहे हैं।
दिल्ली सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक आईआईटी बॉम्बे इस प्रोजेक्ट में अपने रोल को लेकर फिर से विचार कर रहा है। बता दें कि इस तरह का इकलौता टावर चीन के जियान में लगाया गया है, लेकिन इस टावर के पॉजिटिव प्रभाव को लेकर अब तक कोई रिपोर्ट सामने नहीं आई है। वहीं, राजधानी दिल्ली में वायु प्रदूषण बढ़ने के बाद स्मॉग टावर लगाने को लेकर आईआईटी बॉम्बे सबसे पहले आगे आया था और इस प्रोजेक्ट को लीड भी कर रहा था। अब संस्थान के प्रोजेक्ट से पीछे हटने पर दिल्ली को स्मॉग टावर के लिए और इंतजार करना पड़ सकता है।
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