कोरोना के कहर से थर्राई दिल्ली, निजी अस्पतालों को 60% बेड COVID के लिए आरक्षित रखने के दिए आदेश
नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली में कोरोना काल में बदलते मौसम और वायु प्रदूषण के कॉकटेल से लगातार बढ़ते नए मामले से दिल्ली सरकार हलकान है। ऐसे में नए मरीजों के इलाज सुनिश्चित करने के लिए दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने दिल्ली के कुल 90 निजी अस्पतालों को उनके 60 फीसदी बेड क्षमता को कोरोना रोगियों के लिए इलाज के लिए आरक्षित रखने का आदेश जारी किया है। स्वास्थ्य मंत्री का मानना है कि इससे कोरोना रोगियों के उपचार के लिए निजी अस्पतालओं में 2,644 अतिरिक्त हो जाएंगे और रोगियों के इलाज में आसानी होगी।
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उधर, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने भी दिल्ली में महामारी की हालत को देखते हुए दिल्ली के चिकित्सा सुविधा में बुनियादी सुधार के लिए सभी 75 डाक्टरों और सीएपीएफ के 252 पैरा मेडिकल स्टाफ को ड्यूटी पर तैनात रहने का आदेश दे दिया है। वहीं, छतरपुर और शकूर बस्ती कोविड देखभाल केंद्र पर 50 डाक्टर और 175 पैरा मेडिकल स्टाफ तैनात किए गए हैं। वहीं, छतरपुर कोविड देखभाल केंद्र में मौजूद 500 आइसोलेशन बे़ड को आक्सीजन सुविधा वाले बेड में परिवर्तित किए जा रहे हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक बेड सप्ताहांत तक तैयार हो जाएंगे।
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गौरतलब है इससे पहले दिल्ली में बढ़ते संक्रमण को देखते हुए दिल्ली सरकार ने चेहरे पर फेस मास्क नहीं लगाने पर पकड़े गए लोगों पर जुर्माने की राशि बढ़ा दिए हैं। अब बिना मास्क पकड़े गए लोगों को 500 रुपए के बजाय 2000 रुपए बतौर जुर्माना वसूला जाएगा। वहीं, बढ़ते कोरोना रोगियों को देखते हुए दिल्ली सरकार में वेंटिलेटर वाले आईसीयू बेड की कमी से भी दिल्ली सरकार जूझ रही है, क्योंकि 60 अस्पतालों में वेंटिलेटर वाले आईसीयू बेड नहीं हैं।
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