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दिल्ली को जहरीली हवा से मिलेगी राहत, लगाए जाएंगे बड़े एयर प्‍यूरीफायर टॉवर

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बेंगलुरु। प्रदूषण के कारण दिल्ली में जहरीली हुई हवा से लोगों का दम घुंट रहा है। दीपावली के बाद दिल्ली समेत एनसीआर में धुंध की मोटी परत छायी हुई हैं। दिल्ली में बढ़ता प्रदूषण हाल के दिनों में 'खतरनाक स्तर' पहुंच गया है भयावह हो रही स्थिति को देखते हुए अब दिल्ली को प्रदूषण से मुक्त करने के लिए केन्‍द्र सरकार ने कमर कस ली है। अब सरकार जल्‍द ही चाइना की तरह दिल्ली में भी विशालकाय एयर प्‍यूरीफायर टॉवर लगाने की तैयारी कर रही है। ताकी दिल्लीवासियों को स्‍थाई रुप से प्रदूषण से राहत मिल सके।

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दिल्ली में प्रदूषण की समस्या से स्थाई रूप से निपटने के लिए केंद्र सरकार इस योजना पर काम कर रही है। उम्मीद जतायी जा रही है कि अगर इस योजना के तहत रिपोर्ट अगर पक्ष में आती है तो दिल्ली में बड़े-बड़े एयर प्यूरीफायर टॉवर लगाए जाएंगे। यह ऐसे प्यूरीफायर टॉवर होंंगे जिनकी क्षमता रोजाना लाखों क्यूबिक मीटर हवा को साफ करने की होती है।केन्‍द्रीय विज्ञान एवं प्रौद्यौगिकी मंत्रालय को इसकी संभावना तलाशने का आदेश दिया गया हैं। अगले कुछ महीनो मंत्रालय इसके संबधं में रिपोर्ट सरकार को सौंप देगा।

Narendra modi

बता दें राजधानी दिल्ली में प्रदूषण कम करने के लिए केन्‍द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने परीक्षण के तौर पर पिछले साल दिल्ली के पांच व्यस्त चौराहों पर एयर प्‍यूरीफायर लगाए थे। लेकिन इन एयर प्‍यूरीफाय लगाने से प्रदूषण में मामूली कमी दर्ज की गई। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार यह एयर प्‍यूरीफायर साइज में छोटे थे इसलिए इनसे कोई खास फायदा नहीं हुआ। इसलिए अब केन्‍द्र सरकार इस बार विशालकाय एयर प्‍यूरीफायर लगाने पर विचार कर रही है। ऐसे बड़े प्यूरीफायर टॉवर जिनकी क्षमता रोजाना लाखों क्यूबिक मीटर हवा को साफ करने की होती है। बता दें कि चीन में ऐसे एयर प्यूरी फायर टावर लगाए गए थे जिससे वहां वायु प्रदूषण की रोकथाम में कमी लाई गई।
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केन्‍द्रीय प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के आला अधिकारी के अनुसार यह एयर प्यूरीफायर टावर लगाए जाने संबधी प्रस्ताव पर विचार चल रहा है। जिस पर विज्ञान एवं प्रौद्यौगिकी विभाग अध्‍यन कर रहा है। ताकि इसका पता लगाया जा सके कि यह दिल्ली के प्रदूषण पर कितना प्रभावी हो्गा।इसके अलावा प्रदूषण पर स्‍थायी नियंत्रण पाने के लिए कितने टावरों की जरूरत पड़ेगी और इन विशालकाय एयर प्‍यूरीफायर टॉवर लगाने पर खर्च कितना आएगा। इतना ही दिल्ली में सर्दी के मौसम में प्रदूषण का स्‍तर काफी बढ़ जाता है । इसलिए सबसे बड़ी बात है कि दिल्ली में सर्दियों में होने वाले प्रदूषण को ऐसा टावरों से कितना कम किया जा सकता है। वैज्ञानिकों की अध्ययन रिपोर्ट मिलने पर ही सरकार इस पर आगे निर्णय लेगी।

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बता दें कि कुछ वर्षो पूर्व प्रदूषण के लिहाज से चीन की हालत बिलकुल दिल्ली जैसी ही थी। चीन में पांच वर्ष पहले 90 फीसद शहरों में प्रदूषण का स्तर मानकों से ज्यादा था। जिसके कारण हर वर्ष बहुत से लोगों की मौत हो जाती थी। वहां भी दिल्ली की तरह प्रदूषण के कारण चारो ओर धुंध छायी रहती थी। लोगों को 24 घंटे मुंह पर मास्‍क लगाकर रहना पड़ता था। इतना ही नही प्रदूषण से मरने वालो की संख्‍या में लगातार इजाफा हो रहा था।

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2013 में विश्व के सबसे प्रदूषित शहरों में चीन के शहर सबसे ऊपर थे। धुंध की मोटी चादर से ढके रहने वाले चीन के शहरों विशेष रूप से बीजिंग के कारण चीन की दुनिया भर में आलोचना होती थी। बीजिंग के लोगों की मास्क लगाई हुई तस्वीरें दुनिया भर में सुर्खियां बनती थीं। चीन ने प्रदूषण पर नियंत्रण रखने के लिए एक के एक बाद कदम उठाए। जिसका परिणाम आज ये है कि शहरों की वायु गुणवत्ता काफी हद तक सुधर गई। कुछ समय पूर्व चीन की राजधानी बीजिंग सर्वाधिक प्रदूषित शहर था। चीन ने सबसे पहले इसी पर फोकस किया।

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चीन ने दुनिया का सबसे बड़ा एयर प्यूरीफायर बनवाया, जो प्रदूषित हवा को साफ करता है। इसकी लंबाई 328 फीट है। दुनिया का सबसे बड़ा यह एयर प्यूरीफायर दस वर्ग किलोमीटर एरिया में स्मॉग को घटाने में कारगर है। इसे उत्तरी चीन के शांग्सी प्रांत में बनाया गया है, ताकि देश को बढ़ते वायु प्रदूषण से कुछ हद तक राहत दिलाई जा सके। इस प्यूरीफायर के शुरुआती नतीजे तो अच्छे रहे हैं। एयर क्वालिटी में भी पहले के मुकाबले सुधार हुआ है। बता दें कि चीन में ऐसे एयर प्यूरी फायर टावर लगाए गए थे जिससे वहां वायु प्रदूषण की रोकथाम में कमी लाई गई। चीन में लगे इस विशालकाय एयर प्‍यूरिफायर यह रोजाना दस मिलियन क्यूबिक मीटर साफ हवा की सप्लाई करता है। प्रदूषित हवा एयर प्यूरीफायर में बने ग्लास हाउस में इकठ्ठा होती है और सौर उर्जा की मदद से इस हवा को गर्म किया जाता है। बाद में ये गर्म हवा टावर में ऊपर उठती है और हवा साफ करने वाले फिल्टर्स से गुजरती है।
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सर्दी के मौसम में भी ये सिस्टम कारगर तरीके से काम करता है। क्योंकि इसके ग्रीन हाउस में लगे ग्लास सोलर रेडिएशन को सोख लेते हैं और प्रदूषित हवा को गर्म करने के लिए जरूरी उर्जा इकठ्ठा कर लेते हैं। इसके अलावा भी चीन सरकार ने चीन के अन्‍य कई शहर जहां अत्‍यधिक प्रदूषण है वहां पर एयर प्‍यूरीफायर टॉवर लगवाए हैं जिसके कारण वहां के प्रदूषण के स्‍तर में काफी कमी आयी। वहीं 2014 में भारत सरकार कहती थी कि दिल्ली में बीजिंग की तुलना में कम प्रदूषण है। अमेरिकी दूतावास के अधिकारियों ने आंकड़े जारी किए थे जिसके अनुसार भारत में गर्मियों व मानसून की हवा बीजिंग की तुलना में साफ रहता है। केवल सर्दियों में हवा की गुणवत्ता खराब होती है या कहें बीजिंग की तरह होती है। लेकिन पांच साल में बिलकुल बदलाव आ चुका है। दिल्ली और एनसीआर की हालत किसी से छिपी नही है। लेकिन उम्मीद है कि एयर प्‍यूरीफायर टावर लगाए जाने के बाद दिल्ली में प्रदूषण के स्‍तर में सुधार होगा।

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English summary
Delhi will Get Relief from Poisonous air, Large air Purifier Towers will be Installed-Soon
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