पुलिसकर्मी पर पिस्टल तानने वाले शाहरुख को जमानत देने पर जज ने कहा-हीरो बनने चले थे
नई दिल्ली। नागरिकता संशोधन कानून को लेकर दिल्ली में हुए दंगों के दौरान पुलिसकर्मी दीपक दहिया पर पिस्तौल तानने वाले शाहरुख को हाईकोर्ट ने जमानत देने से इंकार कर दिया है। कोर्ट का कहना है कि हिंसा के दौरान शाहरुख की मंशा हीरो बनने की थी तो ऐसे में अब उसे कानूनी प्रक्रियाओं का सामना करना होगा। आपको बता दें कि शाहरूख ने अपने माता-पिता की खराब सेहत होने के आधार पर कोर्ट से जमानत की अपील की थी। जस्टिस सुरेश कुमार कैत ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए सुनवाई करते हुए कहा कि अगर आप कानून हाथ में लेते हैं और हीरो बनते हैं तो आपको कानून का सामना भी करना होगा।
इस आधार पर मांगी है जमानत
शाहरुख ने अपनी याचिका में कहा था कि उसके पिता बूढ़े हैं, 76 बरस के हैं, बीमार हैं, उसे उनकी देखभाल करनी है, क्योंकि उसके अलावा परिवार में कोई और नहीं है। शाहरुख के वकील असगर खान का कहना था कि शाहरुख का कोई पिछला क्रिमिनल रिकॉर्ड नहीं है और मामले में चार्जशीट भी फाइल हो गई है, इसलिए उसे जांच की जरूरत नहीं है। इसके अलावा वकील की तरफ से जामिया की सफ़ूरा ज़रगर को मिली बेल का भी हवाला दिया गया। कहा गया कि सफ़ूरा को मानवीय आधार पर जमानत दी गई है, इसलिए शाहरुख की जमानत भी उस आधार पर कंसिडर की जा सकती है।
शाहरूख पर दंगा भड़काने का है आरोप
शाहरुख पठान और चार अन्य लोगों को दिल्ली में मौजपुर चौक पर साम्प्रदायिक हिंसा भड़काने की गहरी साजिश में शामिल पाया गया है। शाहरुख पठान को फरवरी में दिल्ली में हुई हिंसा के दौरान एक पुलिसकर्मी पर बंदूक तानते हुए देखा गया था। मौजपुर चौक दंगा मामले में पुलिस ने पाया कि 24 फरवरी को सुबह 11 बजे दो समूह चौक पर आपस में भिड़ गए। इनमें से एक समूह नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) का समर्थन कर रहा था तो दूसरा समूह इसका विरोध कर रहा था। शुरू में विरोध शांतिपूर्ण था, लेकिन जल्द ही यह हिंसक हो गया और दोनों ओर से पथराव शुरू हो गया। दोनों पक्षों की ओर से ईंट-पत्थर फेंकने के साथ ही आगजनी, गोलीबारी और तोड़फोड़ की घटनाएं सामने आई थीं।
यूपी से पकड़ा गया था शाहरुख
24 फरवरी को नॉर्थ-ईस्ट दिल्ली के जाफराबाद और मौजपुर इलाके में हुई हिंसा के कई वीडियो सामने आए थे। इनमें एक वीडियो शाहरुख का भी था, जिसमें वो एक पुलिसकर्मी के सामने खड़े होकर दनादन गोलियां चलाता दिख रहा था। वो फरार था। पुलिस ने उसे खोजना शुरू किया। उसकी गिरफ्तारी हुई 3 मार्च के दिन उत्तर प्रदेश के शामली से हुई।