दिल्ली दंगा: पूर्व कांग्रेसी पार्षद इशरत जहां को ट्रायल कोर्ट से झटका, नहीं मिली जमानत
नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में इस साल की शुरूआत में हुए दंगों में गिरफ्तार पूर्व कांग्रेस पार्षद इशरत जहां ने जमानत के लिए ट्रायल कोर्ट में याचिका दायर की थी। जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया है। इशरत ने अपनी जमानत के लिए कोविड-19 के प्रकोप का हवाला भी दिया था। जिस पर कोर्ट ने कहा कि मंडोली जेल में कोरोना का कोई मामला नहीं है। ऐसे में इशरत को जमानत नहीं दी जा सकती है।

इससे पहले जून में इशरत को जमानत मिली थी। उस दौरान दिल्ली दंगों की आरोपी इशरत ने कांग्रेस के एक बडे़ नेता के बेटे से शादी की थी। जिस पर पटियाला हाउस कोर्ट ने उसे 10 दिन की जमानत दी थी। शादी की रस्म पूरी होने के बाद इशरत ने फिर से 19 जून को पटियाला हाउस कोर्ट में याचिका दायर कर जमानत बढ़ाने की अपील की। जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया था। अब दिल्ली स्थित ट्रायल कोर्ट ने इशरत को दंगा मामले में फिर से झटका दिया है। जिस वजह से अभी इशरत को जेल में ही रहना पड़ेगा।
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छात्रा गुलफिशा को जमानत
दिल्ली हिंसा से जुड़े मामले में यूएपीए के तहत गिरफ्तार छात्रा गुलफिशा फातिमा को दिल्ली की अदालत ने जमानत दे दी है। वो उत्तर-पूर्वी दिल्ली में फरवरी में हुई सांप्रदायिक हिंसा से जुड़े एक मामले में तिहाड़ जेल में थी। 9 अप्रैल 2020 को जाफराबाद प्रदर्शन में सड़क बंद करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। एफआईआर संख्या 48/20 में उनके ऊपर आईपीसी कई धाराएं लगाई गई थीं। इस एफआईआर पर उन्हें 13 मई को जमानत मिल गई थी, लेकिन इसके बाद आर्म्स एक्ट और यूएपीए जैसी धाराएं लगाकर उन्हें जेल में बंद कर दिया गया था।