Delhi Violence जो आज दुश्मन बन बैठे वो कपिल मिश्रा और तहिर हुसैन कभी थे गहरे दोस्त, जानें उनके बीच कैसी थी कमेस्ट्री
Kapil Mishra and Tahir Hussain used to be close friends of each other in Delhi violence. Both of them have made special contribution to each other's political career. दिल्ली हिंसा में जो आज दुश्मन बन बैठे वो कपिल मिश्रा और तहिर हुसैन कभी थे दोस्त
बेंगलुरु। देश की राजधानी दिल्ली के उत्तर पूर्वी इलाके में भड़की हिंसा में अब तक 42 लोगों की जान जा चुकी है, और करीब 250 लोग घायल हुए हैं। दिल्ली हिंसा के बाद जमकर सियायत हो रही हैं। इस हिंसा के दौरान दो नेताओं के नाम सबसे अधिक चर्चा में हैं। ये दोनों नेता हैं आम आदमी पार्टी के ताहिर हुसैन और दूसरे भाजपा नेता कपिल मिश्रा। दोनों ही नेता एक दूसरे पर दंगों में शामिल होने का आरोप लगा रहे हैं। जहां मिश्रा पर लोगों को उकसाने का आरोप है, वहीं हुसैन पर दंगों में शामिल होने के आरोप हैं। हालांकि दिल्ली में हुई हिंसा के पीछे ताहिर का नाम आने के बाद आम आदमी पार्टी ने पार्षद ताहिर हुसैन को पार्टी से निलंबित कर दिया है। आइए जानते हैं कपिल मिश्रा और ताहिर हुसैन के बीच क्या हैं खास कनेक्शन
जो आज दुश्मन बन बैठे कभी थे दोस्त
मिश्रा और हुसैन ने एक-दूसरे पर दंगों में शामिल होने के आरोप लगाए हैं। दोनों ही नेताओं के वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुए, जिसके बाद दिल्ली हाई कोर्ट ने दिल्ली पुलिस से जवाब मांगा था। आापको ये जानकर आश्चर्य होगा कि ये दिल्ली हिंसा में एक दूसरे पर बखियां उधेड़ने वाले ये दोनों नेता पूर्व में एक दूसरे के अभिन्न मित्र हुआ करते थे। इन दोनों एक गहरी दोस्ती थी इतना ही नहीं कपिल मिश्रा जब आम आदमी पार्टी में हुआ करते थे तब उनका कार्यालय भी ताहिर हुसैन के ही घर में हुआ करता था। इतना ही नहीं दिल्ली के चांदबाग इलाके से जब कपिल मिश्रा ने आप पार्टी से विधायकी का चुनाव लड़ा था तब तहिर हुसैन ने उनकी खूब मदद की थी।
एक-दूसरे की चुनाव जीतने में जमकर कर चुके हैं मदद
2013 और 2015 के विधानसभा चुनाव में ताहिर ने कपिल मिश्रा की जमकर मदद की थी। 2013 विधानसभा चुनाव में ताहिर के घर में कपिल मिश्रा का चुनाव कार्यालय बना था। सूत्रों के मुताबिक बाद में 2017 नगर निगम चुनाव में ताहिर हुसैन को आम आदमी पार्टी से टिकट मिलने और फिर उनके जीतने में कपिल की बड़ी अहम भूमिका रही। कपिल मिश्रा जब तक आम आदमी पार्टी में रहे ताहिर हुसैन को कपिल मिश्रा का करीबी माना जाता रहा। चांदगंज के लोगों के अनुसार पूर्व में ये दोनों ही नेता अमूमन साथ ही देखे जाते थे।
पार्टी बदलते ही दोस्ती दुश्मनी में बदल गई
दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल पर भ्रष्टाचार पर लिप्त होने का कपिल मिश्रा द्वारा आरोप लगाए जाने के बाद आप ने उन्हें जब पार्टी से निकाल बाहर किया तब राजनीतिक दल बदलने के कारण दोनों की वर्षों पुरानी दोस्ती दुश्मनी में बदल गई। सियासत में दुश्मनी और दोस्ती का भाव स्थाई नहीं होता है। समय, काल और हालात को देखते हुए फैसले लिए जाते, बयान दिए जाते हैं, जो कभी गलबहियां करता दिखा वो दुश्मन नहीं होगा या जो जिसके बीच अदावत की लंबी कहानी हो वो दोस्त नहीं बनेगा ऐसा मुमकिन नहीं है। ये असल में दिल्ली के दंगे की पूरी कहानी की तस्वीर बयां कर रहे हैं कि कैसे पहले ये नेता एक होते हैं और फिर इन्हीं नेताओं के कहने पर आम लोग दंगाई बन जाते हैं और एक दूसरे की जान ले लेते हैं जबकि नेता सिर्फ अपनी राजनीति चमकाते हैं।
ये तस्वीर बयां कर रही दोनों के बीच की खास दोस्ती
गौरतलत है कि आप के ही एक कार्यकर्ता संदीप मिश्रा ने हाल ही में एक तस्वीर सोशल मीडिया पर साक्षा की यह तस्वीर उस समय की जब कपिल मिश्रा भी आम आदमी पार्टी में हुआ करते थे। अगर आप तस्वीर की बैकग्राउंड को देखें तो उसमें भगवान भोलेनाथ दिखाई दे रहे हैं,ताहिर हुसैन और कपिल मिश्रा जिस अंदाज में एक दूसरे के साथ हैं उससे अंदाजा लगाना मुश्किल नहीं होगा कि उनके बीच का संबंध किस स्तर का रहा होगा। जिसमें अब बीजेपी नेता कपिल मिश्रा,आप पार्षद ताहिर हुसैन के साथ गलबहियां करते दिखाई दे रहे हैं।
मिश्रा ने ट्वीट कर लिखा कि हत्यारा ताहिर हुसैन हैं
बता दें नार्थ ईस्ट दिल्ली में नागरिकता कानून को लेकर भड़की हिंसा के दौरान मारे गए आईबी कर्मचारी अंकित शर्मा के भाई ने ताहिर हुसैन और उनके समर्थकों पर हत्या का आरोप लगाया था। जिसके बाद अब ताहिर के खिलाफ हत्या, हिंसा भड़काने और आगजनी का मामला दर्ज कर लिया गया। वहीं भाजपा नेता कपिल मिश्रा ने इस पूरे मामले पर बड़ा बयान दिया है। मिश्रा ने ट्वीट कर लिखा कि हत्यारा ताहिर हुसैन है। अंकित शर्मा ही नहीं, चार और लड़कों को घसीट कर ले गए थे। उनमें से तीन की लाशें मिल चुकी हैं। वीडियो में खुद ताहिर हुसैन लड़कों के साथ लाठी, पत्थर, गोलियां और पेट्रोल बम लिए हुए दिख रहा है।
कपिल मिश्रा अब दे रहे अपने बयान पर ये सफाई
मिश्रा ने कहा कि कोई देश तोड़ने की बात करता है लेकिन उससे किसी भी तरह का सवाल नहीं कोई पूछता है। किसी के घर की छत पर पेट्रोल बम, हथियार मिल रहे हैं, लेकिन किसी से कोई सवाल नहीं पूछा जा रहा है। कपिल मिश्रा ने अपने बयान का बचाव करते हुए कहा कि जिस व्यक्ति ने 35 लाख लोगों को हो रही असुविधा के चलते रास्ता खुलवाने की अपील की उसे आतंकवादी कहा जा रहा है। कपिल मिश्रा ने दिल्ली हिंसा में पीड़ितों की मदद की अपील की है और उन्होंने ट्वीट करके सबको साथ आने की अपील की है। वहीं हुसैन ने मिश्रा पर लोगों को भड़काने का आरोप लगाया है।
दोनों नेताओं के वीडियो वायरल हुए
गौरतलब है कि एक वायरल वीडियो में हुसैन हाथ में लाठी लिए पत्थरबाजी करने वाले दंगाइयों के साथ दिखे। पुलिस ने उनके घर से पत्थर, पेट्रोल बम और एसिड भी बरामद किया। हालांकि, हुसैन ने एक टीवी चैनल से कहा कि दंगाई जबर्दस्ती उनके घर में घुस गए थे और वो उन्हें वापस भेज रहे थे। उन्होंने दावा किया, "मैंने उसी दिन कई बार पुलिस को सूचना दी थी। उस रात पुलिस ने मेरे पूरे घर की तलाशी ली थी।" एक अन्य वीडियो में मिश्रा पुलिस अधिकारियों की मौजूदगी में कह रहे हैं, "आप सबके बिहाफ पर ये बात कह रहा हूं कि ट्रम्प के जाने तक तो हम जा रहे हैं, लेकिन उसके बाद हम आपकी भी नहीं सुनेंगे। ठीक है? ट्रम्प के जाने तक आप चांदबाग और जाफराबाद खाली करवा दीजिए, ऐसी आपसे विनती है। उसके बाद हमें लौटकर आना पड़ेगा।"
दिल्ली पुलिस ने नहीं उठाया कोई ठोस कदम
हुसैन का वीडियो 24 फरवरी को सामने आया, जो हिंसा का दूसरा दिन था। चांदबाग में उसी दिन हिंसा शुरू हुई थी। पुलिस ने इसको देखने के बाद भी ठोस कदम नहीं उठाए। नतीजा यह हुआ कि अगले दिन यानी 25 फरवरी को ताहिर के घर से दोबारा पत्थरबाजी और आगजनी की गई। अंकित शर्मा की हत्या भी 25 फरवरी को हुई। अगर पुलिस समय पर एक्शन लेती, तो 25 फरवरी की हत्याएं रोकी जा सकती थीं। 25 फरवरी की सुबह हुसैन के घर समेत पूरे चांदबाग में सीआरपीएफ तैनात कर दी गई थी, लेकिन दोपहर के 3:30 बजे सुरक्षा बलों को मौके से हटा लिया गया। जबकि, यहां माहौल पहले से ज्यादा तनावपूर्ण था। सुरक्षा बलों के हटते ही दोबारा हिंसा शुरू हो गई और मरने वालों की संख्या 10 से बढ़कर 30 तक पहुंच गई।
इसलिए चर्चा में आए कपिल मिश्रा और ताहिर हुसैन
रविवार यानि 22 फरवरी से एक दिन पहले कपिल मिश्रा ने सीएए विरोधियों को दिल्ली पुलिस के सामने जाफराबाद मेट्रो स्टेशन से हटने के लिए तीन दिन का समय दिया था। रविवार को सुबह तक जाफराबाद के इलाके में तनाव अपने चरम पर पहुंच चुका था। तीन दिन तक जाफराबाद, मौजपुर, ब्रह्मपुरी और दूसरे इलाके हिंसा की आग में झुलस गए और जो तस्वीरें आईं वो दिल को छलनी करने वाली थीं। इसी बीच आईबी कर्मचारी अंकित शर्मा की मौत में आप के निलंबित पार्षद ताहिर हुसैन का नाम आया। यह नाम अब खलनायक के रूप में सामने है। इस शख्स के खिलाफ सेक्शन 302 के तहत मुकदमा दर्ज है और फरार है।
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