दिल्ली हिंसा: बरेली से धरा गया शाहरुख का है पंजाब और ड्रग्स की तस्करी से कनेक्शन
नई दिल्ली- उत्तर-पूर्वी दिल्ली के जाफराबाद-मौजपुर इलाके में एक पुलिस वाले पर सरेआम पिस्तौल तानने वाला दंगे का आरोपी शाहरुख को दिल्ली पुलिस ने यूपी के बरेली इलाके से गिरफ्तार कर लिया है। दरअसल, शाहरुख ने जिस बेखौफ अंदाज में दंगाइयों को लीड किया था और ड्यूटी पर तैनात एक पुलिस वाले निडर होकर उसका मुकाबला किया, वह सामान्य बात नहीं है। अब पता चला है कि शाहरुख इतना शातिर अपराधी कैसे बना। दरअसल, अपराध की दुनिया से उसके परिवार का नाता दशकों पुराना है और उसके पिता ने अपनी जिंदगी के तकरीब तीन दशकों अलग-अलग अपराधों की वजह से सलाखों के पीछे ही गुजारे हैं। शाहरुख के अलावा उसके एक बड़े भाई पर भी दिल्ली में दंगा भड़काने के आरोप बताए जा रहे हैं। आइए जानते हैं उसका पंजाब और ड्रग्स की तस्करी से क्या कनेक्शन है?
ड्रग्स तस्करी से जुड़ा रहा है शाहरुख का परिवार
उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हिंसा का आरोपी शाहरुख मूलरूप से पंजाब का रहने वाला है। उसके पूरे परिवार का अपराध जगत से पुराना नाता बताया जाता है। वह पिछले 24 फरवरी को जाफराबाद-मौजपुर इलाके में दिन-दहाड़े हेड-कॉन्स्टेबल दीपक दहिया के सिर पर पिस्तौल तानकर सुर्खियों में आ गया था। यह तस्वीर इतनी खौफनाक थी कि दिल्ली दंगों की पहचान बन गई। लेकिन, 22 साल का शाहरुख उसी वक्त से गायब हो गया था। शाहरुख का पिता साबिर राणा बहुत ही बदनाम ड्रग्स तस्कर रहा है। वह पंजाब से हेरोइन या दूसरे ड्रग्स लाकर दिल्ली और यूपी में सप्लाई करता था। इस काले कारोबार में शाहरुख की अम्मी भी अपने शौहर का हाथ बंटाती थी। हालांकि अब साबिर अपाहिज हो चुका है और उसने पंजाब, दिल्ली और यूपी के जेलों में भी 25-30 वर्ष गुजारे हैं। शाहरुख के दो और भाई हैं और उसके बड़े भाई पर भी दंगे में शामिल होने के आरोप हैं।
पुलिस वाले ने दिलेरी से किया था शाहरुख की पिस्तौल का सामना
24 फरवरी को दिल्ली पुलिस की तीसरी बटालियन में तैनात हेड-कांस्टेबल दीपक दहिया ने बड़ी ही दिलेरी से शाहरुख की पिस्तौल का सामना किया था। सड़क की दोनों ओर आक्रोशित भीड़ थी और हिंसा भड़की हुई थी। जानकारी के मुताबिक शाहरुख अपने पास मौजूद 8 गोलियां पहले ही दाग चुका था। शायद इसी वजह से दहिया की जान बच गई। उस वारदात के बाद शाहरुख दंगाइयों से कवर पाकर मौके से फरार हो गया था। हालांकि, शुरू में ये खबरें आई थीं कि उसे पुलिस ने हिरासत में ले रखा है, लेकिन इसकी कभी पुष्टि नहीं हुई। बाद में पता चला कि वह फरार हो चुका है। सूत्रों के मुताबिक 28 फरवरी तक उसने अपना फोन ऑन रखा था, लेकिन उसके बाद वह भी बंद हो गया। पुलिस को आशंका थी कि यूपी के बरेली और रामपुर के बीच कई ऐसे कस्बे हैं जो देश में ड्रग्स कारोबार के बड़े अड्डे माने जाते हैं और शाहरुख वहीं छिपा बैठा है। क्योंकि, साबिर के वहां के ड्रग्स माफिया से अच्छे ताल्लुकात रहे हैं। शाहरुख के साथ उसके परिवार वाले भी फरार हो गए थे। वैसे पिछले कुछ साल से शाहरुख दिल्ली के घोंडा इलाके में रहता था।
दंगों में मेरठ और मध्य प्रदेश के तमंचों का ज्यादा इस्तेमाल
इससे पहले ऐसी खबरें आ चुकी हैं कि दिल्ली हिंसा में जो हथियार बरामद हुए हैं उनमें से 40 से ज्यादा तमंचे यूपी के मेरठ और मध्य प्रदेश के बने हुए हैं। इन हथियारों का दिल्ली हिंसा में जमकर इस्तेमाल हुआ। दिल्ली दंगों के दौरान शाहरुख का पिस्तौल लहराने वाला और पुलिस वाले पर पिस्तौल तानने वाली तस्वीरें तो खूब वायरल हुईं, लेकिन न जाने इतने कितने तमंचों ने कितने लोगों की जान भी ले ली। जानकारी मिली है कि दिल्ली पुलिस ऐसे हथियारों के सप्लायर्स पर मकोका लगाने की भी तैयारी कर रही है। दिल्ली पुलिस को दंगाग्रस्त इलाकों में साढ़े चार सौ से ज्यादा खाली कारतूस भी मिले हैं और मरने वालों और घायलों में कई को गोलियां ही लगी हैं।
शांति बहाली के बाद आरोपियों पर कार्रवाई तेज
बता दें कि उत्तर-पूर्वी दिल्ली में पिछले हफ्ते तीन दिनों तक हुई भीषण हिंसा में मरने वालों की तादाद अब तक 47 पहुंच चुकी है और सैकड़ों लोगों का अभी भी घायलावस्था में इलाज चल रहा है। इस बीच जैसे-जैसे दंगाग्रस्त इलाकों में स्थिति सामन्य होती जा रही है, पुलिस दंगा भड़काने और अफवाहों को फैलाने में शामिल रहे अपराधियों की धड़-पकड़ का अभियान तेज कर रही है। मोहम्मद शाहरुख की गिरफ्तारी उसी से जोड़कर देखा जा सकता है। हालांकि, अभी भी दिल्ली दंगों का एक बड़ा आरोपी और आईबी कर्मचारी अंकित शर्मा की हत्या का आरोपी और पूर्व आम आदमी पार्टी नेता ताहिर अभी भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर है।
इसे भी पढ़ें- दिल्ली हिंसा पर बोले ओवैसी- सदन में बहस हो, संसद दरवाजे बंद नहीं कर सकती