दिल्ली हिंसा: जेएनयू के पूर्व छात्र उमर खालिद को कोर्ट ने 10 दिन की पुलिस रिमांड पर भेजा
दिल्ली हिंसा: जेएनयू के पूर्व छात्र उमर खालिद को कोर्ट ने 10 दिन की पुलिस रिमांड पर भेजा
नई दिल्ली। जेएनयू के पूर्व छात्र नेता उमर खालिद को दिल्ली की कड़कड़डूमा कोर्ट ने 10 दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया है। सोमवार को कोर्ट ने ये आदेश दिया है। उमर खालिद को दिल्ली हिंसा मामले के सिलसिले में उन्हें कल रात स्पेशल सेल ने गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के तहत गिरफ्तार किया गया था।
बता दें जेनएयू के पूर्व छात्र उमर खालिद को दिल्ली दंगों की साजिश के मामले में दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने गिरफ्तार कर लिया है। उमर खालिद का नाम दिल्ली दंगों की लगभग हर चार्जशीट में दर्ज है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के आने के पहले दिए भाषण और आरोपियों के साथ हुई बातचीत के कॉल रिकार्ड व मीटिंग और आरोपियों के बयानों में साजिशकर्ता बताते हुए उमर खालिद की गिरफ्तारी की गई थी।
Recommended Video
पुलिस ने पूछताछ के लिए बुलाया था और किया गिरफ्तार
पुलिस ने उमर खालिद की गिरफ्तारी यूएपीए के तहत की गईं थी। बताया जा रहा है कि उमर खालिद को समन देकर पूछताछ के लिए बुलाया गया था। वहीं कई घंटों की पूछताछ के बाद उसको गिरफ्तार कर लिया गया था। वहीं उमर खालिद की गिरफ्तारी के बाद यूनाइटेड अगेंस्ट हेट ने बयान जारी किया है। यूनाइटेड अगेंस्ट हेट ने कहा है, '11 घंटे की पूछताछ के बाद दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल ने उमर खालिद को दिल्ली हिंसा मामले में साजिशकर्ता के रूप में गिरफ्तार किया है। दिल्ली पुलिस हिंसा की जांच की आड़ में आपराधिक विरोध प्रदर्शन को बढ़ा रही है।' यूनाइटेड अगेंस्ट हेट ने कहा है कि इन सब के बावजूद सीएए और एनआरसी के खिलाफ लड़ाई जारी रहेगी। फिलहाल हमारी प्राथमिकता है कि उसे ज्यादा से ज्यादा सुरक्षा मुहैया करवाई जाए और दिल्ली पुलिस को हर तरह से उसकी सुरक्षा सुनिश्चित करनी चाहिए।
जानिए
कौन
है
उमर
खालिद
उमर
खालिद
का
परिवार
लगभग
तीन
दशक
पहले
महाराष्ट्र
के
अमरावती
के
तालेगांव
से
दिल्ली
आकर
बस
गया
था।
उमर
परिवार
के
साथ
दिल्ली
के
जाकिरनगर
में
रहते
हैं।
हालांकि
किसी
ने
उन्हें
यहां
शायद
ही
कभी
देखा
होगा।
ऐसा
बताया
जाता
है
उनके
पिता
सैयद
कासिम
रसूल
इलियास
दिल्ली
में
ही
ऊर्दू
की
मैगजिन
'अफकार-ए-मिल्ली'
चलाते
हैं।
खालिद
जेएनयू
के
स्कूल
ऑफ
सोशल
साइंस
से
इतिहास
में
पीएचडी
कर
रहे
हैं।
यहीं
से
वह
इतिहास
में
एमए
और
एमफिल
कर
चुके
हैं।
जम्मू-कश्मीर: 2020 में अब तक LOC पर 3,000 से अधिक बार हुआ सीज फायर उल्लंघन