Delhi riots: हिंसा के बाद आई यह तस्वीर बनी ISIS की मददगार, युवाओं को जेहाद के लिए उकसाने का काम शुरू
नई दिल्ली। नॉर्थ ईस्ट दिल्ली में पिछले दो दिनों से शांति हैं और सुरक्षाबल लगातार मार्च कर रहे हैं। सोमवार को हुए दंगों की वजह से 40 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई और कई घायल हैं। वहीं इन दंगों की कुछ तस्वीरें भी दिल तोड़ने वाली हैं। जहां आम लोगों तस्वीर को देखकर दुखी हो रहे हैं तो दूसरी ओर आतंकी संगठन जैसे आईएसआईएस इनका प्रयोग अपने जहरीले मकसद के लिए करने को तैयार हैं। ऐसी खबरें हैं कि आईएसआईएस दंगों की कुछ तस्वीरों की मदद से युवाओं को चरमपंथी बनाने की कोशिशों में लग गया है। इस नए अपडेट ने सुरक्षा एजेंसियों के माथे पर बल डाल दिए हैं।
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व्हाट्सएप और टेलीग्राम पर वायरल हुई दंगे की तस्वीर
सुरक्षा एजेंसियों की तरफ से बताया गया है कि ऐसी चैट जो इनक्रिप्टेड नहीं हैं जैसे टेलीग्राम, व्हाट्सएप और डार्क नेट पर आईएसआईएस का प्रपोगेंडा जमकर जारी है। आईएसआईएस तस्वीरों की मदद से युवाओं को जेहाद में शामिल होने की अपील कर रहा है। दिल्ली के दंगों से पिछले दिनों एक तस्वीर सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हुई थी। इस तस्वीर में एक मुसलमान युवक जमीन पर बैठा है और उसके सिर से खून निकल रहा है। तस्वीर में नजर आ रहा है कि हिंसा में उसे बुरी तरह पीटा जा रहा है। आईएसआईएस के लिए सोशल मीडिया पर वायरल हुई यह तस्वीर एक पोस्टर में तब्दील हो गई है। इस तस्वीर के जरिए आईएसआईएस देश के मुस्लिम युवाओं से साथ आने और जेहाद में शामिल होने की अपील कर रहा है। इस बात का खुलासा उस समय हुआ है जब जांच एजेंसियों को कुछ पोस्टर्स मिले और एक ऑनलाइन न्यूज लेटर मिला। यह पोस्टर और न्यूजलेटर भारतीय उपमहाद्वीप के लिए बनाए आई आईएसआईएस के मीडिया विंग की तरफ से जारी हुआ है।
प्रदर्शन में हिस्सा लेने वालों की पहचान
आईएसआईएस के डॉक्यूमेंट में लाल किले पर नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के विरोध में हुए प्रदर्शन की फोटो है। इस पर जो मैसेज लिखा है वह कुछ इस तरह से है, 'तो आप कहां जा रहे हैं?' भारत में बसे मुसलमानों से इस मैसेज के साथ अपील की गई है। ऑनलाइन मैगजीन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, उत्तर प्रदेश के चीफ मिनिस्टर योगी आदित्यनाथ के साथ ही राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजित डोवाल की फोटो मौजूद है। जांच के मुताबिक यह मैगजीन 27 फरवरी को सामने आई है। मैगजीन में असउद्दीन ओवैसी और कन्हैया कुमार को आजादी के लिए लड़ने वाला बताया गया है। एक ऑफिसर की तरफ से बताया गया है कि उनका ध्यान इस पर गया है और अब वह स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं। सूत्रों की ओर से बताया गया है कि आतंकी संगठनों की स्लीपर सेल्स पहले ही खतरनाक लोगों की पहचान करने में लग गए हैं। ये ऐसे लोग हैं जो सक्रियता के साथ सीएए के विरोध प्रदर्शन में शामिल हैं। माना जा रहा है कि आतंकी संगठन इन लोगों को चरमपंथी बनाने में जुट गए हैं।