Delhi Violence: तुर्की के राष्ट्रपति बोले-भारत में हिंदु कर रहे हैं मुसलमानों का नरसंहार, भारत ने दी चेतावनी
नई
दिल्ली।
भारत
ने
गुरुवार
को
पाकिस्तान
के
करीबी
तुर्की
को
सख्त
लहजे
में
देश
के
आतंरिक
मसलों
से
दूर
रहने
की
चेतावनी
दी
है।
भारत
ने
इसके
साथ
ही
तुर्की
को
सीमा
पार
जारी
आतंकवाद
को
प्रोत्साहित
करने
पर
आगाह
किया
है।
तुर्की
के
राष्ट्रपति
रेसेप
तैयप
एर्डोगान
ने
दिल्ली
में
हुए
दंगों
के
बाद
भारत
की
आलोचना
की
थी।
उनकी
इसी
आलोचना
के
बाद
ही
नई
दिल्ली
की
तरफ
से
यह
प्रतिक्रिया
दी
गई
है।
आपको
बता
दें
कि
नागरिकता
संशोधन
कानून
(सीएए)
के
खिलाफ
जारी
प्रदर्शन
पिछले
दिनों
इस
कदर
हिंसक
हो
गए
कि
इन्होंने
दंगों
की
शक्ल
ले
ली।
राष्ट्रीय
राजधानी
दिल्ली
में
हुए
दंगों
में
38
लोगों
की
मौत
हो
गई
है।
यह भी पढ़ें-जम्मू कश्मीर पर तुर्की के बयान पर भारत की दो टूक
'लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं की समझ विकसित करें'
भारत की तरफ से यूनाइटेड नेशंस के मानवाधिकार परिषद के 43वें सत्र में तुर्की को जवाब दिया गया है। भारत के स्थायी मिशन में प्रथम सचिव विमर्श आर्यन की तरफ कहा गया, 'मैं तुर्की को सलाह दे सकता हूं कि कि वह भारत के आतंरिक मसलों पर टिप्पणी करने से बचे और लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं की बेहतर समझ विकसित करे।' विमर्श आर्यन की तरफ से राइट टू रिप्लाई के प्रयोग में यह जवाब दिया गया है। पाकिस्तान की तरफ से जम्मू कश्मीर में जारी मानवाधिकारों पर चिंता जताते हुए इस मसले को उठाया गया था और इसके बाद ही भारत की तरफ से राइट टू रिप्लाई का प्रयोग किया गया। आर्यन ने आगे कहा, 'मैं तुर्की को आगाह भी करना चाहूंगा कि वह सीमा पार से जारी आतंकवाद को प्रोत्साहित करना बंद कर दे।'
खुद को एर्डोगान बताते हैं इस्लाम का रक्षक
तुर्की, कश्मीर मुद्दे पर पाकिस्तान का समर्थन कर रहा है और राष्ट्रपति एर्डोगान ने उंगा में कश्मीर मसले को उठाकर पहले ही भारत को खासा नाराज कर दिया है। एर्डोगान, सीएए की आलोचना भी कर चुके हैं। एर्डोगान ने अंकारा में दिए अपने भाषण में दिल्ली के दंगों का जिक्र किया था। उन्होंने कहा था, 'भारत अब ऐसा देश बन चुका है जहां पर बड़े पैमाने पर नरसंहार होने लगा है। ऐसा नरसंहार जो हिंदुओ की तरफ से अंजाम दिया जा रहा है और मुसलमानों को मारा जा रहा है।' एर्डोगान खुद को इस्लाम का रक्षक बताते हैं। वह कई बार इस धर्म और इसके अनुयायियों से जुड़े मुद्दों पर सार्वजनिक तौर पर चिंता जाहिर कर चुके हैं।
कश्मीर मुद्दे पर पाकिस्तान के साथ तुर्की
एर्डोगान ने पिछले दिनों पाकिस्तान की नेशनल एसेंबली के सत्र को संबोधित किया। इसमें उन्होंने संकट के समय पाकिस्तान की तरफ से मिली मदद का शुक्रिया अदा किया। साथ ही कहा जम्मू कश्मीर पर भी बात की। टर्की-पाकिस्तान की तरफ साझा घोषणापत्र पर भारत की तरफ से जो प्रतिक्रिया दी गई, उससे नाराजगी साफ पता चलती है। विदेश मंत्रालय ने बयान में कहा, 'भारत, जम्मू कश्मीर के पर हर तरह के संदर्भ को खारिज करता है जो कि भारत का एक आतंरिक और अभिन्न हिस्सा है। एर्डोगान की तरफ से यह कदम उनके पाकिस्तान दौरे पर उठाया गया था।
FATF में हमेशा पाकिस्तान की मदद
एर्डोगान ने कहा था कि उनका देश कश्मीर मुद्दे पर पाकिस्तान के साथ खड़ा है। साथ ही उन्होंने कश्मीर के मुद्दे को दोनों देशों के लिए चिंता का विषय बता दिया था। पाक की संसद के साझा सत्र को संबोधित करते हुए कहा, 'मैं भी इस बात पर जोर देना चाहता हूं कि हम पाकिस्तान को हर समय पूरा समर्थन देंगे जिस पर फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) की तरफ से लगातार राजनीतिक दबाव बना हुआ है।' एर्डोगान दो दिनों की पाकिस्तान यात्रा पर पहुंचे हैं। उन्होंने अपने इस बयान के बाद पेरिस में हुई एफएटीएफ की अहम मीटिंग में पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट से बाहर लाने के लिए काफी कोशिशें की थीं।