Delhi Violence: दंगाइयों ने पूरे घर को घेरा, जान बचाने के लिए मां ने छत से नीचे फेंके अपने बच्चे
नई दिल्ली। नागरिकता संशोधन कानून का विरोध और इस कानून का समर्थन करने वालों के बीच झड़प ने हिंसा का रूप ले लिया और इस हिंसा की आग में राजधानी के उत्तरी-पूर्वी जिले के कई इलाके जल उठे। 24 फरवरी (सोमवार) को उत्तरी-पूर्वी जिले के कई इलाकों में आगजनी, पथराव, तोड़फोड़ और पेट्रोल बम फेंके जाने की घटनाएं सामने आईं। कहीं, कोई दूध लेने निकला लेकिन वह लौटकर वापस नहीं आया। कहीं कोई दवा लेने गया लेकिन उसे गोली मार दी गई। इस दिन को याद करके यमुना विहार बी- ब्लॉक में रहने वाली प्रीति अभी भी सहम उठती हैं। अपनी आंखों के सामने हुए तांड़व को याद कर उनकी आंखें भर आईं। इस मां ने अपने बच्चों की जान बचाने के लिए दिल पर पत्थर रखकर उनको छत से फेंक दिया।
घर को दंगाइयों ने घेर लिया था
दैनिक जागरण की खबर के मुताबिक, प्रीति ने उस खौफनाक मंजर को बयां करते हुए कहा, 'सामने से पेट्रोल बम फेंके जा रहे थे, पहली मंजिल से अपना घर जलते देखने को मजबूर थी। पति और बच्चे घर पर थे और उपद्रवी घर को चारों ओर से घेर चुके थे।' प्रीति ने बताया कि पेट्रोल बम से घर में आग लग गई, बाइक जल गई और एसी में आग लगने के कारण आग की लपटें घर के अंदर आने लगी थीं। वह बेहद डर गई थीं।
प्रीति ने बच्चों को छत से नीचे फेंका
प्रीति कहती हैं कि कुछ समझ नहीं आ रहा था कि क्या करें, मौत एकदम सामने दिखाई दे रही थी। घर के पीछे की तरफ गली में मोहल्ले के लोग खड़े थे। अपने बच्चों को सुरक्षित बचाने की तरकीब नहीं सूझ रही थी। प्रीति ने रुंधे गले से बताया, 'फिर मैंने अपनी 5 साल के बेटे विहान और 9 साल के संयम को पहली मंजिल से नीचे फेंक दिया, लोगों ने उनको नीचे पकड़ लिया और इस तरह से उनकी जान बच गई।'
4-5 पुलिसकर्मी ही इलाके में दिखाई दे रहे थे
वह बताती हैं कि इसके बाद पति दीपक गुप्ता के साथ दूसरी मंजिल से बगल वाली बिल्डिंग पर छलांग लगाकर पीछे के रास्ते से जैसे-तैसे निकलकर भागे। सबकुछ जलता छोड़कर वहां से जान बचाकर भागना पड़ा। उन्होंने कहा कि सुबह से इलाके में दंगाई घूम रहे थे लेकिन वहां महज कुछ पुलिसवाले ही थे और भीड़ द्वारा तोड़फोड़ करने और पेट्रोल बम फेंके जाने के बाद वो भी वहां से भाग गए। 9 साल का संयम ये सब देखकर बिल्कुल डरा हुआ है। वह कुछ बोल नहीं पा रहा है।
उत्तर-पूर्वी दिल्ली में अबतक 42 की मौत
सोमवार को उत्तर-पूर्वी दिल्ली में भड़की हिंसा में 42 लोगों की जान चली गई। इस दौरान दंगाइयों ने घरों को आग लगा दी, दुकानों में तोड़फोड़ की, पेट्रोल बम फेंके। धार्मिक स्थलों को भी दंगाइयों ने निशाना बनाया तो वहीं कई वाहनों को आग के हवाले कर दिया। दिल्ली पुलिस ने हिंसा की विभिन्न घटनाओं के मामले में 48 एफआईआर दर्ज की है। हिंसाग्रस्त इलाकों में भारी संख्या में सुरक्षाबलों की तैनाती की गई है और अब इन इलाकों में हालात धीरे-धीरे सामान्य हो रहे हैं।