दिल्ली हिंसा में हाईकोर्ट का अस्पतालों को निर्देश, DNA सैंपल लेकर शवों को रखें संरक्षित
नई दिल्ली। दिल्ली हाईकोर्ट ने उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुई हिंसा से जुड़ी याचिकाओं पर शुक्रवार को सुनवाई की। इस मामले में कोर्ट ने दिल्ली पुलिस, केंद्र सरकार और अन्य संबंधित पक्षों से 12 मार्च तक रिपोर्ट मांगी है। वहीं, शुक्रवार को सुनवाई के दौरान दिल्ली हाईकोर्ट ने सरकारी अस्पतालों को शवों को संरक्षित करने और उनके डीएनए सैंपल एकत्र करने का आदेश दिया है।
हिंसा के बाद कई शव मिले थे जिनकी पहचान नहीं हो सकी है। इसको लेकर कोर्ट ने अस्पतालों को निर्देश दिया कि 11 मार्च तक किसी भी अज्ञात शव का अंतिम संस्कार ना किया जाए। इसके साथ-साथ कोर्ट ने इनके डीएनए नमूनों को भी इकट्ठा करने निर्देश दिया। दिल्ली कोर्ट ने शवों के पोस्टमार्टम की वीडियोग्राफी कराने का भी निर्देश दिया है।
दिल्ली हिंसा से जुड़े सभी मामलों पर हाईकोर्ट में अगली सुनवाई 12 मार्च को होगी। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने पिछले दिनों हाईकोर्ट को आदेश दिया था कि अदालत हिंसा से जुड़े मामलों की सुनवाई 6 मार्च से करे। इसके पहले, हाईकोर्ट ने भड़काऊ भाषण देने के आरोपी बीजेपी नेताओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के मामले में सुनवाई 13 अप्रैल तक के लिए टाल दी थी।
Delhi High Court asks government hospitals not to dispose of unidentified bodies till March 11 and preserve DNA samples. The court has also directed to conduct videography of post-mortem of the bodies. #DelhiViolence pic.twitter.com/oXXBeiNybC
— ANI (@ANI) March 6, 2020
गत सोमवार को नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ और समर्थन में उतरे दो गुटों के बीच बवाल ने हिंसा का रूप ले लिया था, जिसके बाद उत्तर-पूर्वी दिल्ली के कई इलाकों में हिंसा भड़क उठी थी। इस हिंसा में 53 लोगों की जान जा चुकी है जबकि 250 से अधिक लोग घायल हैं।
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दिल्ली पुलिस ने हिंसा की इन घटनाओं में 1800 से अधिक लोगों को हिरासत में लिया है, जबकि 47 आर्म्स एक्ट के मामले पुलिस ने दर्ज किए हैं। दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच हिंसा के इस मामले की जांच कर रही है। पुलिस ने लोगों से अपील की है कि इस हिंसा से जुड़े वीडियो-फोटो किसी के पास हों, तो वे पलिस के साथ साझा करें। पुलिस ने कहा है कि प्रत्यक्षदर्शियों की पहचान गुप्त रखी जाएगी।