दिल्ली हिंसा: हाईकोर्ट ने एडवोकेट जुबैदा बेगम को अमिकस क्यूरी नियुक्त किया
नई दिल्ली। नॉर्थ-ईस्ट दिल्ली में हुई हिंसा से जुड़ी अर्जी पर बुधवार को दिल्ली हाईकोर्ट ने सुनवाई की। दिल्ली हाईकोर्ट ने एडवोकेट जुबैदा बेगम को अमिकस क्यूरी नियुक्त किया है। जुबैदा बेगम बतौर अमिकस क्यूरी दंगा पीड़ित और विभिन्न एजेंसियों के बीच समन्वय बनाने का काम करेंगी। बता दें कि दिल्ली के कई हिस्सों में हुई हिंसा में अब तक 22 लोगों की मौत हो चुकी है। 150 ये ज्यादा लोग जख्मी हैं।
दिल्ली हाईकोर्ट ने दंगा प्रभावित क्षेत्रों के लोगों पर मानसिक तौर पर हुए असर को देखते हुए मानव व्यवहार एवं सम्बद्ध विज्ञान संस्थान (IHBAS) के डायरेक्टर को आदेश दिया है कि वो प्रभावित लोगों के लिए विशेषज्ञ उपलब्ध कराए। हाईकोर्ट ने कहा कि लोगों का ट्रॉमा से निकलना जरूरी है। अदालत ने घायलों को जरूरी इलाज मुहैया कराने के लिए भी संबंधित संस्थाओं को भी निर्देश दिया है। साथ ही हेल्पलाइन नंबर शुरू करने का आदेश दिया है।
दिल्ली हाईकोर्ट ने बुधवार को सुनवाई के दौरान कई मुद्दों को लेकर नाराजगी जताई। पुलिस की भूमिका को लेकर कोर्ट ने सवाल उठाए। अदालत ने तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा कि दिल्ली में अब दूसरा '1984' (सिखों के खिलाफ हुई हिंसा का जिक्र किया) नहीं होने देंगे। हम अभी भी 1984 के पीड़ितों के मुआवजे के मामलों से निपट रहे हैं, ऐसा दोबारा नहीं होना चाहिए। नौकरशाही में जाने के बजाय लोगों की मदद होनी चाहिए। इस माहौल में यह बहुत ही नाजुक काम है, लेकिन अब संवाद को विनम्रता के साथ बनाये रखा जाना चाहिए।
भाजपा नेता के कथित भड़काऊ वीडियो को देखे जाने से दिल्ली पुलिस के अफसरों ने इनकार किया तो कोर्ट ने पूछा- हम कैसे माने लें कि आपने यह वीडियो नहीं देखा। सभी टीवी चैनलों पर यह वीडियो चला है और आपने वीडियो नहीं देखा। अदालत ने सुनवाई के दौरान ही कपिल मिश्रा के बयान का क्लिप चलावाया। कोर्ट ने केंद्र सरकार की ओर से पेश हुए सॉलिसिटर नरल तुषार मेहता से कहा, आप वीडियो देखिए और दिल्ली पुलिस कमिश्नर से पूछिए कि इस मामले में एफआईआर दर्ज होनी चाहिए या नहीं।