दिल्ली हिंसा: नालों से मिल चुकीं चार लाशें, पुलिस गोताखारों की मदद से चला रही सर्च ऑपरेशन
नई दिल्ली। उत्तर-पूर्वी दिल्ली में 24 फरवरी को भड़की हिंसा में 42 लोगों की मौत हो चुकी है। चार लोगों की लाशें हिंसा प्रभावित इलाकों के नालों से मिली हैं। बुधवार को जाफराबाद से एक शव काफी खराब हालत में मिला था, शव की पहचान आईबी अफसर अंकित के तौर पर हुई थी। गुरुवार को तीन शव गोकुलपुरी इलाके के नाले से मिले हैं। चार शवों के मिलने के बाद पुलिस को अंदेशा है कि और शव भी नालों में हो सकते हैं। ऐसे में पुलिस ने गोताखोरों की मदद से हिंसा प्रभावित इलाकों के नालों में सर्च अभियान शुरु किया है।
पुलिस का कहना है कि हिंसा के समय हत्या के बाद इन लोगों को नालों में डाल दिया गया होगा। नालों में अभी भी सर्च अभियान जारी है पुलिस की टीम लगातार गोताखोरों की मदद से नालों में सर्च अभियान चला रही है। दिल्ली के चांदबाग, जाफराबाद, गोकुलपुरी, बाबरपुर, करावलनगर इलाकों में सोमवार, मंगलवार, बुधवार को भारी हिंसा हुई थी। 42 मौत इस हिंसा में हो चुकी हैं, वहीं संपत्तियों का भी भारी नुकसान है। इलाके में फिलहाल शान्ति है।
पुलिस के मुताबिक, उत्तर-पूर्वी दिल्ली में भड़की हिंसा जुड़े 106 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। हिंसा के मामलों में अब तक 18 एफआईआर दर्ज की गई हैं। अतिरिक्त पुलिस आयुक्त (अपराध) मंदीप सिंह रंधावा ने जानकारी दी है कि बुधवार से कोई भी अप्रिय घटना नहीं हुई है। क्षेत्र में शान्ति बनी हुई है।
दिल्ली सरकार ने हिंसा में मारे गए लोगों के परिजनों को दस लाख रुपए का मुआवजा देने का ऐलान किया। नाबालिग की मौत पर पांच लाख रुपए दिए जाएंगे। अपाहिज होने पर पांच लाख, गंभीर चोट पर दो लाख, मामूली चोट पर बीस हजार रुपये, जानवरों की मौत पर पांच हजार का मुआवजा दिया जाएगा। पूरा मकान और पूरी दुकान जलने पर पांच लाख रुपए का मुआवजा दिया जाएगा। यदि घर को नुकसान पहुंचा है तो ढाई लाख का मुआवजा दिया जाएगा।
अलग-अलग राजनीतिक दलों और संगठनों ने लोगों से शान्ति की अपील की है। वहीं हिंसा रोकने में नाकामी की बात कहते हुए विपक्षी दलों ने सरकार को घेरा है। कांग्रेस, शिवसेना, बसपा, सपा समेत कई दलों ने गृह मंत्रालय की भूमिका पर सवाल खड़े किए हैं। कांग्रेस ने कहा है कि गृहमंत्री अमित शाह को पद पर रहने का हक नहीं है, वो हिंसा की जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफा दे दें।