Delhi Violence: कौन हैं नए कमिश्नर एसएन श्रीवास्तव, जानिए कैसे किया था कश्मीर घाटी में आतंकियों का सफाया
नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस के एंटी-टेरर विंग के पूर्व मुखिया आईपीएस ऑफिसर एसएन श्रीवास्तव अब दिल्ली पुलिस के नए कमिश्नर होंगे। उन्हें ऐसे समय में यह जिम्मेदारी सौंपी गई है जब पिछले दिनों हुए दंगों में पुलिस की विफलता ने उसे कटघरे में लाकर रख दिया है। एसएन श्रीवास्ताव, अमूल्य पटनायक की जगह लेंगे। बतौर कमिश्नर पटनायक को हिंसा को रोकने में असफल रहने के आरोपों का सामना करना पड़ रहा है। साल 2017 में जब जम्मू कश्मीर में आतंकियों के सफाए के लिए ऑपरेशन ऑल आउट चलाया गया था तो श्रीवास्तव, सीआरपीएफ के डीजी के तौर पर घाटी में ही तैनात थे।
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ऑपरेशन ऑल आउट के लीडर
नए कमिश्नर श्रीवास्ताव सेंट्रल रिजर्व पुलिस फोर्स (सीआरपीएफ) के वेस्टर्न जोन के एडीशनल डायरेक्टर जनरल (एडीजी) के तौर पर घाटी में होने वाले टेरर ऑपरेशंस के लिए जिम्मेदार थे। जिस समय उन्हें एडीजी का रोल दिया गया, कश्मीर घाटी मुश्किल समय से गुजर रही थी। जुलाई 2016 में हुए बुरहान वानी के एनकाउंटर के बाद सीआरपीएफ को जिम्मा दिया गया था कि वह जम्मू कश्मीर में कानून व्यवस्था को संभाले। साल 2017 में घाटी में ऑपरेशन ऑल आउट लॉन्च हुआ। इस खास ऑपरेशन में सेना, सीआरपीएफ, बीएसएफ और जम्मू कश्मीर पुलिस के साथ ही इंटेलीजेंश ब्यूरों भी शामिल था। सुनियोजित तरीके से चलाए गए इस ऑपरेशन का मकसद घाटी में मौजूद आतंकियों का सफाया करना था। इस ऑपरेशन की वजह से जम्मू कश्मीर में हिजबुल मुजाहिद्दीन के कई बड़े आतंकी ढेर हुए थे और संगठन कमजोर हुआ था।
जून 2021 में होंगे रिटायर
यह बात और भी दिलचस्प है कि श्रीवास्तव, पटनायक के ही बैचमेट हैं और अगले वर्ष जून में रिटायर होने वाले हैं। शुक्रवार को गृह मंत्रालय की तरफ से दिल्ली पुलिस कमिश्नर के लिए उनके नाम पर आधिकारिक मोहर लगाई गई है। सन् 1985 के एजीएमयूटी कैडर के आईपीएस ऑफिसर श्रीवास्तव मंगलवार को ही स्पेशल कमिश्नर के तौर पर अपने रोल में आ चुके थे। उस समय दिल्ली में दंगों ने पैर पसारने शुरू कर दिए थे। दिल्ली पुलिस कमिश्नर पटनायक रिटायर हो जाएंगे और दंगों की वजह से उन्हें खासी आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है। नियमों के प्रति सख्त स्पेशल कमिश्नर श्रीवास्तव को उनके व्यवहारिक बर्ताव के लिए जाना जाता है। कॉलेज के समय में वह एक तेज गेंदबाज के तौर पर साथियों में मशहूर थे।
IIT के पूर्व छात्र ने शुरू की थी अमन कमेटी
एसएन श्रीवास्तव अपने करियर के शुरुआती दिनों में बतौर डिप्टी पुलिस कमिश्नर दिल्ली के उन इलाकों में तैनात थे जिन्हें संवेदनशील माना जाता था। उस समय युवा पुलिस ऑफिसर रहे श्रीवास्तव ने जो अनुभव जुटाया था माना जा रहा है कि वह अब काम आ सकता है। डिप्टी कमिश्नर रहते हुए उन्होंने 'अमन कमेटी' की मीटिंग्स की शुरुआत की थी। इसके अलावा वह समुदाय के बुजुर्गों को साथ लेकर आए थे ताकि हिंसा को शांत किया जा सके। आईआईटी खड़गपुर के पासआउट श्रीवास्तव दिल्ली पुलिस में ट्रैफिक विभाग के ज्वॉइन्ट कमिश्नर भी रह चुके हैं। उन्हें दिल्ली की सड़कों पर टैफिक कोन्स की शुरुआत करने को श्रेय दिया जाता है।
इंडियन मुजाहिद्दीन को किया खत्म
20वीं सदी की शुरुआत में उन्हें दिल्ली पुलिस की एंटी-टेरर सेल की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। वह स्पेशल कमिश्नर के तौर पर इसके साथ तैनात रहे और उन्हें एक सफलतम ऑफिसर करार दिया जाने लगा। उन्हें आतंकी संगठन इंडियन मुजाहिद्दीन की कमर तोड़ने वाला ऑफिसर माना जाता है। यह वह आतंकी संगठन था जो भारत में पनपा मगर जिसे पाकिस्तान से मदद मिलती थी। इस मदद की वजह से उसने देश भर में कई आतंकी हमलों को अंजाम दिया था। इसके अलावा आईपीएल की स्पॉट फिक्सिंग के केस की जांच भी उनकी अगुवाई में सफलतापूर्वक अंजाम दी गई थी।