दिल्ली हिंसा: कोर्ट ने आरोपी छात्र को दी दसवीं की परीक्षा में बैठने की इजाजत, कहा- शिक्षा सबका अधिकार
नई दिल्ली। दिल्ली हिंसा में आरोपी दसवीं के एक छात्र को अदालत ने परीक्षा देने की इजाजत दी है। छात्र न्यायिक हिरासत में है, उसने कोर्ट से परीक्षा देने की अनुमति मांगी थी। अदालत ने कहा कि शिक्षा सबका अधिकार है, उससे रोका नहीं जाना चाहिए। अदालत ने ये कहते हुए छात्र को परीक्षा में बैठने की इजाजत दी।
दिल्ली में 24, 25, 26 फरवरी को हिंसा हुई थी। दिल्ली पुलिस ने बताया है कि हिंसा से जुड़े मामले में अब तक 712 एफआईआर दर्ज की गई हैं और 200 ज्यादा लोगों की गिरफ्तारी हुई है, जांच के साथ अभी और भी एफआईआर और गिरफ्तारियां की जाएंगी। फिलहाल स्थिति पूरी तरह से सामान्य है और सीनियर अफसर लगातार हालात पर नजर रख रहे हैं। दिल्ली पुलिस के हेड कांस्टेबल रतनलाल की हत्या के मामले में सात लोगों को गिरफ्तार किया गया है। दिल्ली के उत्तर पूर्वी जिलों में हुई हिंसा के दौरान रतनलाल की हत्या कर दी गई थी।
दिल्ली पुलिस की और से बताया गया है कि डीसीपी के ऑफिस में एक स्पेशल डेस्क बना हुआ है जहां कोई भी हिंसा से जुड़े मामले की शिकायत दर्ज करवा सकता है। आम लोगों और मीडिया कर्मियों की मदद से हमें बहुत सारे वीडियो मिले हैं। जिनकी जांच जारी है। जांच के आधार पर कार्रवाई होगी। रंधावा ने कहा है कि कई पहलुओं पर जांच जारी है।
उत्तर पूर्वी दिल्ली में हुई हिंसा में अब तक 52 लोगों की मौत हो चुकी है। हिंसा में 300 से ज्यादा लोग घायल हुए। अभी भी काफी लोगों का इलाज चल रहा है। दिल्ली की हिंसा को लेकर बुधवार को लोकसभा में भी चर्चा हुई। इस दौरान विपक्ष ने पुलिस और सरकार की कार्यशैली पर गंभीर सवाल खड़े किए। वहीं गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि पुलिस ने बढ़िया काम किया है। अमित शाह ने लोकसभा में दिल्ली हिंसा पर बोलते हुए कहा कि पुलिस ने हिंसा को पूरी दिल्ली में नहीं फैलने देने की जिम्मेदारी बखूबी निभाई। दिल्ली के कुल 203 थाने हैं और हिंसा केवल 12 थाना क्षेत्रों तक सीमित रही। दिल्ली पुलिस की सबसे पहली जिम्मेदारी हिंसा को रोकने की थी, जिसमें वो कामयाब रहे। शाह ने कहा कि दिल्ली दंगों के किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा।
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