दिल्ली हिंसा की दर्दभरी कहानी, कोई घर के लिए दूध लेने निकला था तो किसी की हुई थी 11 दिन पहले शादी
नई दिल्ली। राजधानी के उत्तर-पूर्वी दिल्ली के इलाके में भड़की हिंसा में अब तक 32 लोगों की जान जा चुकी है, जबकि घायलों की संख्या 200 से अधिक है। बुधवार को कोई अप्रिय घटना नहीं हुई और हिंसाग्रस्त इलाकों में हालात धीरे-धीरे सामान्य हो रहे हैं। दिल्ली पुलिस ने दावा किया कि हिंसाग्रस्त इलाकों में हालात काबू में हैं। इस हिंसा में क्या बच्चे, क्या बूढ़े, सभी को दंगाइयों ने निशाना बनाया। कोई नवविवाहित था तो कोई व्यापारी, कोई कारपेंटर था तो कोई मजदूर। कोई अपने घरों से बच्चों के लिए टॉफी लेने निकला था, लेकिन दंगाइयों ने किसी को भी नहीं छोड़ा।
हिंसा में अबतक 32 लोगों की मौत
इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक, जीटीबी अस्पताल में अब तक जिनकी पहचान की गई है, उनमें दीपक कुमार (34), इशाक खान (24), मोहम्मद मुदस्सिर (30), वीर भान (50), मोहम्मद मुबारक हुसैन (28), शान मोहम्मद (35) शामिल हैं। इसके अलावा परवेश (48), ज़ख़ीर (24, मेहताब (22), अशफाक (22), राहुल सोलंकी (26), शाहिद (25), मोहम्मद फुरकान (30), राहुल ठाकुर (23), रतन लाल (42), अंकित शर्मा (26), दिलबर, मोहसिन अली (24) और विनोद कुमार (50) शामिल हैं। वहीं, लोकनायक अस्पताल में दो लोगों महरूफ अली (30) और अमन (17) की मौत हुई।
अशफाक की 14 फरवरी को हुई थी शादी
इसके अलावा बाकियों की पहचान अभी नहीं हो पाई है। मुस्तफाबाद का रहने वाला अशफाक हुसैन काम से घर लौट रहा था, तभी उसके गले पर वार कर दिया गया। उसके शरीर पर गोलियों के 5 निशान भी मिले हैं। एक इलेक्ट्रिशियन की मौत अल-हिंद अस्पताल में हो गई, जिसका शव सुबह जीटीबी अस्पताल लाया गया था। उसकी पत्नी तसनीम ने बताया कि 14 फरवरी को ही दोनों की शादी हुई थी। चाची आजरा खातून ने बताया कि वह जल्दी घर लौटना चाहता था, लेकिन हिंसा के कारण नहीं आ पाया। जीटीबी अस्पताल में 28 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि एलएनजेपी अस्पताल अस्पताल में दो लोगों की मौत की पुष्टि हुई।
अमन के गले को चीरती निकल गई गोली
अमन दूध लेने गया था जब उसे जाफाराबाद मेट्रो स्टेशन के पास चेहरे पर गोली मार दी गई। गोली उसके गले को चीरती निकल गई थी। विवेक चौधरी (19) को न्यूरो सर्जरी वार्ड में भर्ती कराया गया था, उसके सिर में गहरी चोट लगी थी, बुधवार को उसका ऑपरेशन सफल रहा था। अपने पिता का शव लेते वक्त नितिन ने बताया कि किस तरह भीड़ ने उनपर हमला किया जब वे लोग ब्रह्मपुरी में दवा लेने जा रहे थे। नितिन ने बताया कि भीड़ ने उसकी बाइक को आग के हवाले कर दिया, उसने कहा, 'मैं और मेरे पिता सड़क पर पड़े हुए थे, किसी ने हम दोनों को अस्पताल पहुंचाया।'
महताब को भीड़ ने आग के हवाले कर दिया
महताब(21) बृजपुरी में दूध लेने निकला था। कंस्ट्रक्शन मजदूर का काम करने वाला महताब अपनी मां, बहन और भाई-बहन के साथ एक गली में रहता था जहां हिंदू-मुस्लिम दोनों रहते हैं। यासमीन ने बताया, 'हम लोग मना कर रहे थे कि बाहर ना जाए लेकिन उसको चाय पीनी थी। वह जैसे ही बाहर गया, हम लोगों ने घर का दरवाजा बंद कर दिया। जैसे ही वह वापस आया, बाहर लोगों ने उसे घेर लिया और उसे पकड़कर घसीटने लगे। हम लोग गुहार लगाते रहे लेकिन उन लोगों ने उसे नहीं छोड़ा। कुछ देर के बाद एक फोन आया कि महताब को आग के हवाले कर दिया है।'
जाकिर अली वेल्डर का काम करता था
बुधवार शाम को, 24 साल के मोहसिन अली का परिवार अपने बेटे की तलाश में मुर्दाघर आया था, जो मंगलवार शाम से घर नहीं लौटा था। उन्हें उसका शव शाम 6.30 बजे मिला। मूलत: हापुड़ के रहने वाले अली की दो महीने पहले ही शादी हुई थी। उसके सिर पर चोटें आई थी। जाकिर अली वेल्डर का काम करता था, उसकी बहन का कहना है कि वह बृजपुरी के पास मस्जिद में नमाज अदा करने गया और रास्ते में उसे गोली मार दी गई। लोकनायक अस्पताल में मारुफ और अमन की मौत की पुष्टि हुई।
सलमानी की 85 साल की मां जिंदा जल गईं
हिंसा के दौरान चार लोग एसिड अटैक में घायल हो गए। शिव विहार में दुकानें जला दी गईं और लूटपाट की गई। 85 साल की बुजुर्ग महिला अकबरी की भी इस हिंसा के दौरान मौत हो गई। गमरी गांव स्थित घर को दंगाइयों ने आग के हवाले कर दिया था। घर के पहले दो फ्लोर में सईद सलमानी की कपड़ों की दुकान है। सलमानी ने बताया, 'मंगलवार को दूध लेने घर से बाहर गया था, लेकिन जब वापस आया तो 100-150 लोग हमारी गली के सामने खड़े थे। उन्होंने गेट तोड़ दिया और पहले दो फ्लोर को आग के हवाले कर दिया गया। मेरे बच्चे और पत्नी भागकर बाहर आ गए लेकिन मां बुढ़ी होने के कारण नहीं निकल सकी।