दिल्ली विश्वविद्यालय के नए पाठक्रम में RSS को गलत तरह से पेश करने का आरोप
नई दिल्ली। दिल्ली विश्वविद्यालय की अकादमिक काउंसिल के एक सदस्य ने आरोप लगाया है कि अंग्रेजी जर्नलिज्म कोर्स के पाठ्यक्रम को अपडेट किया गया है, इसमे एक चैप्टर ऐसा है जोकि मुजफ्फरनगर दंगों व लिंचिंग की घटनाओं पर आधारित है। इस चैप्टर में आरएसएस और इसके अन्य संगठनों को निशाना बनाया गया है। अकादमिक काउंसिल के सदस्य रसाल सिंह ने कहा कि इन चैप्टर का सोर्स मैटीरियल भेदभावपूर्ण न्यूज पेपर और न्यूज पोर्टल से लिया गया है, जोकि अक्सर सरकार की आलोचना करते हैं।
रसाल सिंह ने कहा कि ये न्यूज पेपर और पोर्टल अक्सर आरएसएस और इससे जुड़े संगठनों की आलोचना करते हैं, यहां तक कि ये मीडिया संस्थान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भी आलोचना करते हैं। उन्होंने कहा कि मैं इस मुद्दे को अकादमिक काउंसिल की बैठक के दौरान आज उठाउंगा और इस बात की कोशिश करूंगा कि यह पाठ्यक्रम पास नहीं किया जाए। वहीं प्रोफेसर राज कुमार जोकि अंग्रेजी विभाग के मुखिया हैं उनका कहना है कि उनके विभाग ने इस बात को लेकर पुख्ता फैसला लिया है कि किसी भी समुदाय की किसी भी तरह की भावना को ठेस नहीं पहुंचानी है।
सूत्रों का कहना है कि इस मसले को पहले ही उठाया गया है। इस मुद्दे को विश्वविद्यालय की अंडरग्रैजुएट सिलेबस रिवीजन कमेटी ने पहले ही उठाया था और इस सिलेबस को अपडेट किया जाएगा। हालांकि यह साफ नहीं हो सका है कि इस सिलेबस में किन न्यूज पेपर या न्यूज पोर्टल का जिक्र किया गया है।
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