DU और UGC में सुलह, 3 साल में ही मिलेगी डिग्री व सोमवार से दाखिले शुरु
सूत्रों के अनुसार डीयू प्रशासन बीच का रास्ता निकालते हुए कुछ कोर्स को तीन साल का करने पर विचार कर रहा है, लेकिन चार साल के कई कोर्स को उसी तरह से रखने की तैयारी में है जिस तरह से वो साल भर पहले थे। इसी के साथ एक बड़ा बदलाव भीतरखाने ही तय हुआ है कि फाउंडेशन कोर्स की संख्या भी कम कर दी जाए।
पढ़ें- डीयू पर ही नज़र क्यों
कोर्स को लेकर डीयू के रुख में आई नरमी कई शिक्षाविदों के सुझाव के बाद आया है। इस तैयार किए गए फॉर्मूले में भी कई कोर्स को तीन साल में तब्दील करने की बात कही गई थी। सूत्रों की मानें तो डीयू प्रशासन ने अपने नए फॉर्मूले को लेकर यूजीसी को एक पत्र लिखा है। जिसमें डीयू ने अगले महीने से सत्र शुरू होने का हवाला देते हुए अपने फॉर्मूले को मंजूरी देने की बात कही है।
डीयू के मीडिया को-ऑडिनेटर मलय नीरव ने नए फॉर्मूले की बात मानते हुए जल्द दाखिला प्रक्रिया शुरू होने का आश्वासन दिया था। मलय ने बताया था कि दाखिला के लिए छात्रों को दोबारा से आवेदन करने की जरूरत नहीं होगी।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार डीयू द्वारा तैयार किए गए फॉर्मूले में चार साल के पाठ्यक्रम को लेकर कुछ मूल बदलाव किए गए हैं। डीयू ने नए सत्र से फाउंडेशन कोर्स की संख्या में कमी करने का मन बना लिया है। चार साल के पाठ्यक्रम के तहत छात्रों को कुल 11 फाउंडेशन कोर्स पढ़ने होते थे लेकिन नए फॉर्मूले के तहत अब पांच से सात फाउंडेशन कोर्स को ही पाठ्यक्रम में शामिल करने की बात चल रही है।
शिक्षाविदों के सुझाव के अनुसार डीयू को चार साल के पाठ्यक्रम के तहत कोर्स को फिर से डिजाइन करने की जरूरत है ताकि चार साल में मुख्य रूप से रीसर्च प्रोग्राम के पेपर शुरू किए जा सकें। हालांकि इस तरह का प्रस्ताव जरूरी नही है कि यूजीसी को पसंद आए ही, पर अभी तक की अपुष्ट खबरें इशारा कर रही हैं कि किसी ना किसी तरह से डीयू अपनी स्वयत्ता के पहलू को बचाए और बनाए रखना चाहता है।