Delhi: सेप्टिक टैंक की सफाई के दौरान दो मजदूरों की मौत, नहीं दिए गए थे सुरक्षा उपकरण
Delhi: सेप्टिक टैंक की सफाई के दौरान दो मजदूरों की मौत, नहीं दिए गए थे सुरक्षा उपकरण
नई दिल्ली: उत्तर पश्चिमी दिल्ली के जीटी करनाल रोड औद्योगिक क्षेत्र में एक सोने की चेन फैक्ट्री के अंदर रविवार ( 18 अक्टूबर) को सफाई के दौरान जहरीले गैस की चपेट में आने से दो मजदूरों की मौत हो गई। दोनों सफाईकर्मियों की उम्र लगभग 45 साल थी। दिल्ली पुलिस, दिल्ली फायर सर्विसेज मृतक के रिश्तेदारों ने आरोप लगाया है वो बिना सुरक्षा उपकरणों के ही सफाई करते थे। उनका आरोप है कि उन्हें गियर जैसे मास्क, सुरक्षा बेल्ट और जूते नहीं दिए गए थे। इसी वजह से दोनों मजदूर भी जहरीली गैस के संपर्क में आए थे और सांस ना ले पाने की वजह से मौत हो गई।
घटना की सूचना मिलते ही मौके पर पहुंची पुलिस ने दोनों के शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है और मामले की जांच शुरू कर दी है। दिल्ली पुलिस ने लापरवाही का मामला दर्ज करते हुए जांच कर रही है।
मजदूरों को हर दिन 400 रुपये दिया जाता था मेहनताना
मरने वाले दोनों लोगों की पहचना इदरीस और सलीम के रूप में हुई है। दोनों चचेरे भाई थे और उत्तर प्रदेश के खुर्जा से आए थे। वो दोनों नियमित रूप से गोल्ड फैक्ट्री के सेफ्टी टैंक से बचे हुए सोने के अवशेष इकट्ठा करने के लिए लाए जाते थे। डीसीपी (नॉर्थवेस्ट) विजयंत आर्य ने कहा कि मजदूरों को नौकरी के लिए प्रतिदिन 400 रुपये का भुगतान किया जा रहा था।
जहरीली गैस के चपेट में आने से चार अन्य मजदूर भी बीमार हैं, उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जिसमें से तीन को डिस्चार्ज कर दिया गया है और एक का इलाज जारी है।
फैक्ट्री का मालिक गिरफ्तार
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, डीसीपी (नॉर्थवेस्ट) विजयंत आर्य ने कहा, हमें शाम रविवार 6बजकर 45 मिनट पर पीसीआर कॉल आई, जिसमें टैंक की सफाई के दौरान तीन लोगों के बेहोश होने की खबर बताई गई। जिस कंपनी में हादसा हुआ वो सोने के चेन बनाती है। टैंक में आभूषणों को साफ करने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले रसायन ज्यादा मात्रा में जमा हो जाते हैं। हमने शुरुआती जांच के बाद फैक्ट्री के मालिक राजेन्द्र सोनी (63) और इसके निजी ठेकेदार प्रमोद दांगी (35) को गिरफ्तार कर लिया है। दोनों आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 304 और 337 के तहत केस दर्ज किया गया है।
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