ट्रैफिक नियम तोड़ने पर भारी चालान के बाद अब पॉलीथिन रखने पर हुआ दो लाख का तगड़ा जुर्माना
नई दिल्ली। नया मोटर व्हीकल एक्ट लागू होने के बाद लगातार ऐसी खबरें आ रही हैं जिसमें ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करने वालों पर भारी-भरकम जुर्माना किया जा रहा है। अभी ये मामला चल ही रहा था कि इस बीच देश की राजधानी दिल्ली में पॉलीथिन रखने को लेकर एक व्यापारी पर भारी-भरकम जुर्माना लगाया गया है। प्रशासन ने इस व्यापारी पर दो लाख रुपये चालान किया गया है। ये कार्रवाई ऐसे समय में की गई है जब गांधी जयंती यानी 2 अक्टूबर से पूरे देश में सिंगल यूज प्लास्टिक बैन को लेकर अभियान शुरू होने जा रहा है।
पॉलीथिन रखने पर लगा दो लाख का जुर्माना
जानकारी के मुताबिक, पश्चिमी दिल्ली के नांगलोई में एक व्यापारी को संशोधित प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन नियम, 2016 का उल्लंघन करने के लिए 2 लाख रुपये का चालान सौंपा गया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, 23 सितंबर को संबंधित अधिकारी जांच के लिए एक पॉलीथिन बनाने वाली कंपनी में पहुंचे थे। इसी दौरान अधिकारियों ने पाया कि यूनिट में प्लास्टिक के कैरी बैग की बिक्री/ विनिर्माण/ भंडारण/उपयोग किया जा रहा था। इसके अलावा जांच टीम ने 18 किग्रा की प्लास्टिक इस यूनिट से जब्त की है, जिसकी मोटाई 50 माइक्रोन से कम थी।
इसलिए की गई कार्रवाई
बता दें कि बाजारों में धड़ल्ले से इस्तेमाल हो रही पॉलीथिन को नुकसानदायक मानते हुए नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने 50 माइक्रोन से पतली पॉलीथिन के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगा दिया था। ऐसे प्लास्टिक की बिक्री, स्टोरेज और दुकानों में ऐसे प्लास्टिक के इस्तेमाल पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई थी। जांच टीम के मुताबिक, व्यापारी को संशोधित प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन नियम, 2016 का उल्लंघन करते हुए पाया गया और इसीलिए उन पर 2 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है। उन्हें चालान मिलने के 10 दिनों के भीतर जुर्माना भरने का निर्देश दिया गया है।
सिंगल यूज प्लास्टिक बैन अभियान से पहले तगड़ा जुर्माना
नियमों के मुताबिक, 100 किलोग्राम के प्रतिबंधित प्लास्टिक के भंडारण पर 2 लाख रुपये का जुर्माना लगाया जाता है, जबकि 500 किलोग्राम के प्रतिबंधित प्लास्टिक के भंडारण पर 5 लाख रुपये का जुर्माना लगाया जाता है। प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन नियम, 2016 को अप्रैल 2018 में सरकार की ओर से संशोधित किया गया और इसका नाम बदलकर प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन (संशोधित) नियम, 2018 कर दिया गया था।