दिल्ली: हालात सुधरने के संकेत, 70% कोरोना बेड खाली
नई दिल्ली- कुछ हफ्ते पहले तक दिल्ली में कोरोना वायरस के बढ़ते केस के आंकड़े डराने लगे थे। उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने तो जुलाई में 5 लाख से ज्यादा केस होने तक की भविष्यवाणी कर दी थी। दिल्ली वालों में दहशत सी मच गई थी। लेकिन, संयोग है कि हालात में अब काफी सुधार के संकेत मिल रहे हैं। आलम ये है कि शनिवार को राजधानी दिल्ली में कोविड के इलाज के लिए निश्चित किए गए अस्पतालों में 70 फीसदी बेड खाली पड़े थे। यही हाल वेंटिलेटर वाले आईसीयू बेड के भी हैं, जिसके करीब आधे बेड खाली हो गए हैं। एक वक्त ऐसा भी था कि दिल्ली में गंभीर मरीजों ने अस्पतालों में समय पर बेड नहीं मिल पाने की वजह से उसके गेट के बाहर दम तोड़ना शुरू कर दिया था।
दिल्ली में हालात सुधरने के संकेत
शनिवार को राजधानी दिल्ली में कोरोना वायरस के सिर्फ 1,781 नए मामले सामने आए और इनको मिलाकर यहां कोरोना वायरस के कुल मामले 1,10,921 तक पहुंचे हैं। इस दौरान दिल्ली में बीते 24 घंटों में कोरोना से 34 लोगों की मौत की पुष्टि दर्ज की गई, जिनको मिलाकर राजधानी में कोरोना की वजह से जान गंवाने वालों की कुल तादाद 3,334 तक पहुंची है। शनिवार को ये आंकड़ा दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी किया गया था, जो कि रविवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी आंकड़ों में भी नजर आया। जहां तक ऐक्टिव केस की बात है तो शनिवार तक दिल्ली में कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों की कुल तादाद 19,895 थी।
दिल्ली में रिकवरी रेट 79% हुई
राहत की बड़ी बात ये है कि राजधानी दिल्ली में कोरोना वायरस के रोगियों की रिकवरी रेट राष्ट्रीय औसत से कहीं ज्यादा बेहतर है। मसलन, राष्ट्रीय स्तर पर रिकवरी रेट बढ़कर 63 फीसदी तक पहुंची है, जबकि राजधानी में यह बढ़कर 79% हो चुकी है। शनिवार की ही बात करें तो इस दिन अगर 1,781 नए मरीजों का पता चला तो 2,998 मरीजों की यह बीमारी ठीक भी हो गई। शहर की एक डॉक्टर ने कहा है कि ऐसा लगता है कि दिल्ली में महामारी का वक्र सपाट होता जा रहा है। लेकिन, इसके साथ ही उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि जबतक कोई वैक्सीन नहीं आ जाती, तब तक सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क जैसे एहतियाती उपायों का कड़ाई से पालन करते रहना होगा।
दिल्ली में 70% कोविड बेड खाली
राजधानी में इंफेक्शन की संख्या घटने का फायदा ये हुआ है कि कोविड अस्पतालों के बेड खाली होने लगे हैं। पूरी दिल्ली प्रदेश में कोविड-19 बेड की संख्या 15,243 है, जिनमें से शनिवार को 10,667 बेड यानि कि 70 फीसदी बेड खाली पड़े थे। गौरतलब ये है कि एक वक्त दिल्ली की स्थिति ऐसी हो गई थी कि अरविंद केजरीवाल सरकार ने दिल्ली के अस्पतालों का बेड केवल दिल्ली वालों के इलाज के लिए सुरक्षित रखने की घोषणा कर दी थी, जिसे दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल ने फौरन पलट दिया था और सबका इलाज सुनिश्चित करने का आदेश दे दिया था।
49% वेंटिलेटर बेड खाली
वैसे दिल्ली में शनिवार तक 11,598 कोरोना मरीज अपने घरों पर ही स्वास्थ्य लाभ ले रहे थे। जबकि, कुछ और मरीजों का कोविड केयर सेंटर और कोविड हेल्थ सेंटर पर आइसोलेशन में इलाज चल रहा था। राजधानी में हालात में सुधार के बारे में राम मनोहर लोहिया अस्पताल के एक वरिष्ठ डॉक्टर ने कहा कि, 'हम बहुत ज्यादा गंभीर मरीजों को आते नहीं देख रहे हैं। अस्पतालों में बेड की मांग महत्वपूर्ण तरीके से कम हो गई है।' यहां तक कि कई अस्पतालों में वेंटिलेटर वाले आईसीयू बेड भी खाली पड़े हैं। शनिवार रात 10 बजे दिल्ली कोरोना ऐप पर जो डेटा अपडेट किया गया था, उसके मुताबिक 1,025 वेंटिलेटर बेड में से 503 यानि 49% खाली पड़े थे। एक अधिकारी के मुताबिक 'बहुत ज्यादा हुई टेस्टिंग और पोजिटिव केसों को आइसोलेशन में रखने की वजह से बीमारी के संक्रमण को कम करने में बहुत मदद मिली है। लोगों की जान बचाने के लिए हम यह भी सुनिश्चित कर रहे हैं कि गंभीर लक्षणों वालों को अस्पताल में समय पर भर्ती कराया जाए।'
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