दिल्ली दंगों के आरोपी ताहिर हुसैन की जमानत याचिका खारिज, कोर्ट ने कहा- हिंसा में गहरी साजिश
नई दिल्ली। दिल्ली की कड़कड़डूमा कोर्ट ने सोमवार को दिल्ली दंगों के दौरान आईबी के अधिकारी अंकित शर्मा हत्याकांड में आम आदमी पार्टी के निलंबित पार्षद ताहिर हुसैन की जमानत याचिका खारिज कर दी। कोर्ट ने जमानत याचिका खारिज करते हुए कहा है कि दिल्ली के दंगों में गहरी साजिश नजर आ रही है। इससे पहले निलंबित निगम पार्षद ताहिर हुसैन की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए बृहस्पतिवार को अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था।
सोमवार को मामले में सुनवाई के दौरान कड़कड़डूमा कोर्ट के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश ने कहा कि इसके पर्याप्त सबूत हैं कि आरोपी घटना अपराध स्थल पर मौजूद था और एक विशेष समुदाय के लोगों को भड़काने का काम कर रहा था। उत्तर-पूर्वी दिल्ली दंगों के पीछे गहरी साजिश रची गई है। ताहिर हुसैन आईबी कर्मचारी अंकित शर्मा की हत्या के मामले में भी मुख्य आरोपी है।
कोर्ट ने याचिका खारिज करते हुए यह भी कहा पीएफआई, पिंजरातोड़ और जामिया के सदस्यों के साथ इसके अलावा समन्वय समिति, यूनाइटेड अगेंस्ट हेट ग्रुप और एंटी-सीएए प्रदर्शनकारियों के साथ ताहिर के संबंध की भूमिका भी जांच हो रही है। गौरतलब है कि, क्राइम ब्रांच ने दिल्ली हिंसा के दौरान IB स्टाफ अंकित शर्मा की हत्या के मामले में कड़कड़डूमा कोर्ट में दाखिल 650 पन्नों की चार्जशीट में ताहिर हुसैन सहित 10 लोगों को आरोपी बनाया है।
क्राइम ब्रांच ने चार्जशीट में दावा किया है कि दिल्ली हिंसा के दौरान अंकित शर्मा की हत्या और दंगों के पीछे एक गहरी साजिश थी, क्योंकि निलंबित ताहिर हुसैन की अगुवाई वाली भीड़ ने उन्हें विशेष रूप से निशाना बनाया था। गौरतलब है कि नागरिकता कानून के समर्थकों और विरोधियों के बीच संघर्ष के बाद 24 फरवरी को उत्तर-पूर्वी दिल्ली के जाफराबाद, मौजपुर, बाबरपुर, घोंडा, चांदबाग, शिव विहार, भजनपुरा, यमुना विहार इलाकों में सांप्रदायिक दंगे भड़क गए थे।
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