दिल्ली दंगों के आरोपी ने लिया सलमान खुर्शीद का नाम, प्रशांत भूषण और वृंदा करात समेत कई जांच के घेरे में
नई दिल्ली: इस साल फरवरी में राजधानी दिल्ली के कई इलाकों में दंगे हुए थे। जिसकी जांच के दायरे में अब कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्वी केंद्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद भी आ गए हैं। दंगा भड़काने के आरोप में गिरफ्तार एक आरोपी ने मजिस्ट्रेट के सामने खुर्शीद का नाम लिया है। खुर्शीद के अलावा सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण, सीपीएम नेता वृंदा करात, कविता कृष्णन, कवलप्रीत कौर और गौहर रजा का भी जिक्र उसके बयान में है।
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एक रिपोर्ट के मुताबिक मामले में एक संरक्षित गवाह ने धारा 164 के तहत मजिस्ट्रेट के सामने अपना बयान दर्ज करवाया। जिसमें उसने कहा कि सलमान खुर्शीद ने दिल्ली दंगों के दौरान भड़काऊ भाषण दिए थे। इसके बाद हिंसा और ज्यादा बढ़ गई। वहीं दिल्ली पुलिस ने मजिस्ट्रेट को बताया कि जिन लोगों ने दंगों की साजिश रची थी, उनका गवाह उसी कोर टीम में शामिल था। दिल्ली पुलिस ने यह दावा किया कि दंगों के मामले में दाखिल आरोप पत्र इशरत जहां, खालिद सैफी तथा संरक्षित गवाह के बयानों के आाधार पर है।
कड़कड़डूमा अदालत में दाखिल आरोप पत्र में पूर्व कांग्रेसी पार्षद इशरत जहां और संरक्षित गवाह के बयानों का हवाला देते हुए कहा गया कि उदित राज, खुर्शीद, वृंदा करात, उमर खालिज जैसे कई लोग धरना स्थल पर आ गए, इसके बाद भड़काऊ भाषण दिया। जिसके वजह से हिंसा भड़की। इसके अलावा इशरत जहां ने बताया कि सीएए के खिलाफ चल रहे धरने और प्रदर्शन को लंबा खींचने के लिए सलमान खुर्शीद, राहुल रॉय समेत जैसे कई नेताओं को उसने (इशरत) खालिद सैफी और जामिया को-आर्डिनेशन कमेटी के कहने पर बुलाया था।
खुर्शीद
का
बयान
आया
सामने
वहीं
अंग्रेजी
अखबर
इंडियन
एक्सप्रेस
से
इस
मामले
में
बात
करते
हुए
सलमान
खुर्शीद
ने
कहा
कि
अगर
आप
सारा
कचरा
उठाते
हैं,
तो
आप
17
हजार
पन्नों
की
चार्जशीट
बना
लेंगे,
लेकिन
उसमें
प्रभावी
और
उपयोगी
बातें
होनी
चाहिए।
खुर्शीद
ने
आगे
कहा
कि
आप
कह
रहे
हैं
कि
12
लोगों
ने
एक
ही
तरह
का
भड़काऊ
भाषण
दिया
और
सबके
उकसाने
का
प्रकार
भी
एक
ही
था,
तो
ये
सही
नहीं
है।
उनके
मुताबिक
देश
में
भीड़
जुटाना
अपराध
नहीं
है।