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दिल्ली हिंसा पर गृहमंत्री के जवाब से असंतुष्ट कांग्रेस ने किया वॉकआउट

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नई दिल्ली। दिल्ली हिंसा पर संसद में बहस के बाद गृहमंत्री अमित शाह ने दंगे में मारे गए लोगों के प्रति अपनी श्रद्धांजलि दी। शाह ने कहा किक जिन लोगों ने अपनी जान गंवाई मैं उनके परिवारों के प्रति अपनी संवेदना जाहिर करता हूं। शाह ने कहा कि दिल्ली कि जनसंख्या 1.70 करोड़ है, जहां दंगा हुआ वहां की आबादी 20 लाख है। पुलिस का सबसे बड़ा काम था, मैं इसके लिए उनकी प्रशंसा करना चाहता हूं और उनकी तारीफ करना चाहता हूं। 20 लााख लोगों के बीच जो दंगा हो रहा था उसे दिल्ली में फैलने नहीं देना बड़ी जिम्मेदारी थी। दिल्ली का यह दंगा 4 फीसदी और 7 फीसदी इलाकों में सीमित रखने में दिल्ली पुलिस ने बड़ी सफलता हासिल की। वहीं शाह जिस समय सदन में बोल रहे थे विपक्ष ने जमकर हंगामा किया और कांग्रेस ने सदन से वॉकआउट कर दिया।

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षड़यंत्र के तहत भड़काए गए दंगे

दंगा किसी को अच्छा नहीं लगता, लेकिन शुरुआती तौर पर मेरा मानना है कि इसे षड़यंत्र के तहत भड़काया गया। शाह ने कहा कि जो भी दोषी हो चाहे किसी धर्म का हो, किसी भी पार्टी का हो उसे बख्शा नहीं जाएगा। यह दंगा एक सबक बनेगा कि दंगा करने वालों के खिलाफ क्या कार्रवाई की जाती है, दिल्ली पुलिस ऐसी कार्रवाई करेगी। दिल्ली पुलिस द्वारा पत्थरबाजी पर शाह बोले दंगाइयों को भगाने के लिए जो पत्थर पड़े थे उससे उन्हें भगाने के लिए इसे फेका गया। 5000 से ज्यादा टीयर गैस का इस्तेमाल किया गया। पूरे संयम के साथ पुलिस ने 36 घंटे के भीतर इसपर काबू पाया। विपक्ष ने दिल्ली हिंसा में मारे गए हिंदू मुसलमानों की संख्या पर सवाल किया था, जिसपर शाह ने कहा कि दिल्ली हिंसा मे ं52 भारतीयों की मौत हुई और 556 भारतीय घायल हुए।

ओवैसी पर जमकर बोला हमला

असदुद्दीन ओवैसी पर हमला बोलते हुए शाह ने कहा कि आपने कहा कि मस्जिद जल गई, मैं कहना चाहता हूं कि मस्जिद नहीं मंदिर दोनों जले हैं, मैं दोनों के लिए दुख व्यक्त करता हूं। कोई भी मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारा, चर्च जले हमे उसका दुख है। आईबी अधिकारी अंकित शर्मा के बदन पर 400 घाव लगा दिए, अगर उसपर दुख जाहिर करते तो सदन की गरिमा बढती। शाह ने कहा कि भारत के दंगे में मारे गए 73 फीसदी लोग कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में मारे गए हैं।

हेट स्पीच के बाद हुआ दंगा

अमित शाह ने इस दौरान कहा कि 14 दिसंबर को एक रैली हुई जिसमे एक पार्टी के नेता ने लोगों से सड़क पर उतरने को कहा, उन्होंने कहा कि अगर अब भी आप सड़क पर ना उतरें तो आप कायर कहलाएंगे, इसके बाद शाहीन बाग के धरने शुरू हुए। क्या यह हेट स्पीच नहीं है। 17 फरवरी को भाषण किया गया जब डोनाल्ड ट्रंप भारत आएंगे तो हम बताएंगे कि भारत सरकार क्या कर रही है। यही नहीं वारिस पठान ने कहा कि जो चीज मांगने से नहीं मिलती है उसे छीनना पड़ता है। 15 करोड़ हम है, 100 करोड़ पर भारी पडे़ंगे। इस तरह के भाषण के बाद दिल्ली के दंगे भड़के।

सोशल अकाउंट पर भड़काया गया

इस दौरान शाह ने कपिल मिश्रा का नाम लिए बगैर उनका बचाव किया। उन्होंने कहा कि उनके भाषण के तीन दिन बाद तक कोई दंगा नहीं हुआ। इसलिए मैं कहता हूं कि यह षड़यंत्र है। सोशल मीडिया के माध्यम से हमे 60 अकाउंट की जानकारी मिली है, जिसे बंद कर दिया गया। वो क्या समझते हैं अकाउंट बंद करने से वह बच जाएंगे। जहां पर भी वह हैं हम उन्हें ढूंढ़ निकालेंगे। हमने विज्ञापन और सोशल मीडिया के माध्यम से भी अपील की है कि अफवाह ना फैलाएं। सोशल मीडिया से लोगों को भड़काया गया। 14 दिसंबर, 19 फरवरी, 22 फरवरी को दंगे के लिए भाषण किए गए कि ट्रंप आएं तभी करो, लोगों को इसके लिए भड़काया गया।

जिनका नुकसान हुआ उसके लिए उठाया कदम

यह पूरा दंगा जो हुआ उसके अंदर बहुत सारी प्रॉपर्टी जल गई। किसी की खून पसीने की कमाई जलकर राख हो जाए, इसके लिए हमने क्लेम के लिए एक कमेटी का गठन किया है। जिन्होंने यह जलाया है उन्हें बख्शा नहीं जाएगा। हम इन लोगों की संपत्ति को जब्त करेंगे। हमने दिल्ली हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस को पत्र लिखा है कि इसके लिए हाई कोर्ट के एक जज का नाम दीजिए। रजिस्ट्रार ने आज इस पत्र को चीफ जस्टिस को भेज दिया है।

दंगों को रोकने में बड़ी सफलता

दंगों की भड़काने की काफी कोशिश की गई, लेकिन इसे रोकने में दिल्ली पुलिस ने बड़ी सफलता हासिल की। 24 फरवरी को हमे पहली सूचना प्राप्त हुई और 25 फरवरी रात 11 बजे आखिरी जानकारी मिली। इस दंगे को 36 घंटे में समेटने का काम दिल्ली पुलिस ने किया है। शाह ने कहा कि दंगों के दौरान मैं इसलिए मौके पर नहीं गया क्योंकि मैं अगर जाता तो पुलिस को मेरे पीछे लगना पड़ता। मैंने एनएसए अजीत डोवाल को भेजा था। मैं दंगों के दौरान इसपर नियंत्रण पाने के लिए लगातार पूलिस से बात कर रहा था। शाह ने कहा कि 25 फरवरी को किसी भी तरह का कोई दंगा नहीं हुआ था। दंगों का राजनीतिकरण करने की कोशिश की गई।

80 कंपनियां तैनात

अमित शाह ने कहा कि माननीय सदस्य ने कहा कि हमे सीआरपीएफ भेजनी चाहिए थी, इस तरह के कई सुझाव दिए गए। आप सुझाव दे सकते हैं। शाह ने कहा कि दंगों पर नियंत्रण पाने के लिए 23 कंपनियों को भेजा गया था। 24 फरवरी को 40 कंपनियां, 25 को और 50 कंपनियां भेजी। आजतक 80 कंपनियां दिल्ली में तैनात हैं। गुनहगारों को पकड़ने की भी व्यवस्था शुरू कर दी गई है। कुछ सदस्य ये सवाल उठा रहे हैं कि एफआईआर हुई या नहीं, आजतक 700 एफआईआर दर्ज की गई है। आईएसआईएस के 3 लोगों को गिरफ्तार किया गया।

2647 लोगों को हिरासत में लिया या गिरफ्तार किया

शाह ने कहा कि 2647 लोगों को हिरासत या अरेस्ट किया गया है। 25 से ज्यादा कंप्यूटर पर वीडियो फुटेज का विश्लेषण हो रहा है। विज्ञापन देकर मीडिया और अन्य लोगों से इसकी जानकारी मांगी है, उनसे वीडियो फुटेज या डिटेल देने के लिए कहा गया है। दिल्ली की जनता ने हजारों की संख्या में वीडियो और जानकारी दी है। 1100 से ज्यादा लोगों की पहचान हुई है, 300 से ज्यादा लोग यूपी से दंगा करने के लिए आए थे। इन लोगों की पहचान यूपी से मंगाए गए डेटा से मिली है। 24 फरवरी की रात को 10 बजे यूपी के बॉर्डर को सील कर दिया गया था।

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English summary
Delhi Riot: Amit Shah pay homage who lost life gives report in Lok Sabha.
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