'हमें कोविशील्ड वैक्सीन चाहिए, कोवैक्सीन नहीं...', जानिए दिल्ली के डॉक्टर क्यों कर रहे हैं ऐसी मांग
'हमें कोविशील्ड वैक्सीन चाहिए, कोवैक्सीन नहीं...', जानिए दिल्ली के डॉक्टर क्यों कर रहे हैं ऐसी मांग
Delhi Ram Manohar Lohia Hospital Doctors Demand Covishield vaccine: भारत में शनिवार (16 जनवरी) को विश्व के सबसे बड़े कोरोना वैक्सीनेशन अभियान की शुरुआत हुई है। भारत ने दो स्वदेशी कोरोना वैक्सीन को मंजूरी दी है। पहला है कोविशील्ड वैक्सीन (Covishield vaccine), जिसे सीरम इंस्टीट्यूट ने बनाई है। दूसरा है कोवैक्सीन वैक्सीन (Covaxin), जिसे हैदराबाद स्थित भारत बायोटेक द्वारा निर्मित किया गया है। कोरोना वैक्सीनेशन के दौरान दिल्ली के सबसे बड़े हेल्थकेयर राम मनोहर लोहिया अस्पताल के एक रेजिडेंट डॉक्टर ने मांग की है कि उन्हें कोविशिल्ड वैक्सीन दी जाए न कि कोवाक्सिन।
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राम मनोहर लोहिया अस्पताल के डॉक्टर ने कोविड-19 के खिलाफ सरकार के टीकाकरण अभियान पर चिंता जाहिर की है। उन्होंने कहा है कि भारत बायोटेक की कोरोना वैक्सीन 'कोवैक्सीन' पर उन्हें भरोसा नहीं है...क्योंकि अभी उसका ट्रायल पूरा नहीं हुआ है। डॉक्टर ने 'कोवैक्सीन' की जगह सीरम इंस्टीट्यूट की कॉविशील्ड की मांग की है। प्रोटोकोल के तीन चरणों को पूरा कर लिया गया है। हैदराबाद स्थित भारत बायोटेक द्वारा निर्मित 'कोवैक्सीन' अभी तीसरे चरण के परीक्षण के दौर से गुजर रहा है। हालांकि केंद्र सरकार ने आशंकाओं को कम करते हुए कहा था कि दोनों वैक्सीन के विकास में बहुत काम किया गया है।
अस्पताल के रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन ने चिकित्सा अधीक्षक को लिखे पत्र में कहा है, "भारत बायोटेक द्वारा निर्मित कोवैक्सीन की जगह हमारे अस्पताल में सीरम इंस्टीट्यूट द्वारा निर्मित कोविशिल्ड वैक्सीन को पर पसंद किया जा रहा है। हम आपके ध्यान में लाना चाहते हैं कि हॉस्पिटल के कर्मचारी और टीका लगवाने वाले लोग कोवैक्सीन के पूरे ट्रायल ना होने की वजह से थोड़ा आशंकित हैं।
पत्र में कहा गया है, "हम आपसे निवेदन करते हैं कि हमें कोविशील्ड वैक्सीन टीकाकरण के लिए दें। जिसने अपने रोलआउट से पहले परीक्षण के सभी चरणों को पूरा किया है।"
अस्पताल के रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन के उपाध्यक्ष डॉ. निर्मलाय महापात्रा ने कहा कि बहुत से डॉक्टरों ने शनिवार को शुरू किए गए देशव्यापी अभियान के लिए अपने नाम नहीं दिए हैं।
डॉ. महापात्र ने एनडीटीवी से बात करते हुए कहा, "हम कोवैक्सीन को लेकर आशंकित हैं। इसका परीक्षण पूरा होना बाकी है। हम कोवैक्सीन की जगह पर कोविशील्ड को प्राथमिकता देंगे।"
कोविशील्ड को ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और फार्मा प्रमुख एस्ट्राजेनेका द्वारा विकसित किया गया है और इसका उत्पादन भारत में सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया, पुणे द्वारा किया जाता है। कोवाक्सिन का निर्माण भारत बायोटेक द्वारा भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद के सहयोग से किया गया है।
बता दें कि दिल्ली के 6 ही अस्पतालों में कोवैक्सीन लगाई गई है। जिसमें एम्स, सफदरजंग अस्पताल, राम मनोहर लोहिया अस्पताल डीएच, कलावती सरन चिल्ड्रन अस्पताल,ईएसआई (ESI) अस्पताल रोहिणी और ईएसआई अस्पताल बसई दारापुर शामिल है।
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